ग्वालियर में सख्ती व सावधानी नहीं बरती तो हजार में पहुंच सकते हैं संक्रमित

Update: 2020-06-04 12:19 GMT

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना से निपटने के लिए प्रशासन ने जो सख्ती बरती थी और लोगों पर निगरानी रखी जा रही थी उसे अब शिथिल कर दी है। बाहर से आने वालों की जानकारी भी नहीं जुटाई जा रही है। क्योंकि कई लोग चोरी-छिपे शहर में प्रवेश कर रहे हैं। यहां तक कि कोरोना संक्रमितों व उनके परिवार के सदस्यों को लेकर भी जो सख्ती बरती जा रही थी उस पर कम ध्यान दिया जा रहा है। यही वजह है कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में अगर वायरस के प्रति लोगों ने सावधानी व सख्ती नहीं बरती तो स्थिति अनियंत्रित हो जाएगी और जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमित में वृद्धि हो रही है, उस हिसाब से इस माह संक्रमितों का आंकड़ा एक हजार तक पहुंच सकता है।

जिले में जहां कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने क्वारेन्टाइन सेन्टरों को बंद कर दिया है। इसलिए अब जिले में बाहर से आने वाले लोग न सिर्फ बेरोकटोट आ रहे हैं बल्कि उन्हें संस्थागत क्वारेंटाइन न करते हुए होम क्वारेन्टाइन ही किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जिले में करीब 20 से अधिक होटल, लॉज, मैरिज गार्डन एवं धर्मशालाओं को अधिगृहीत करते हुए क्वारेन्टाइन सेन्टर बनाया गया था, जहां बाहर से आने वाले संदिग्ध मरीजों को रखने की व्यवस्था की गई थी। प्रशासन द्वारा क्वरेन्टाइन सेन्टरों में करीब एक हजार लोगों को रखने की व्यवस्थाएं की थी। साथ ही सेन्टरों में रहने वाले लोगों को नास्ते से लेकर खाने तक की व्यवस्थाएं प्रशासन द्वारा ही कराई जा रही थी। लेकिन शासन ने आई नई गाइड-लाइन के बाद अब जिले में क्वरेन्टाइन सेन्टरों को खत्म करते हुए अधिगृहीत किए गए सभी भवनों को मुक्त कर दिया है। इसलिए अब बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वरेन्टाइन किया जाएगा। लेकिन होम क्वारेन्टाइन किए गए लोग क्वरेन्टाइन का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण बंसीपुरा व हाथीखाने से सामने आया है। जहां दिल्ली से लौटे कोरोना संक्रमित युवक को होम क्वरेन्टाइन किया गया था, लेकिन युवक ने क्वरेन्टाइन का पालन नहीं किया और अपने परिवार के अन्य सदस्यों से मिलता-जुलता रहा। जिस कारण उसके परिवार के 21 सदस्य सहित पड़ोस में रहने वाले दो लोगों को कोरोना का संक्रमण सामने आया है।

चिकित्सकों को भी किया बाहर-

इधर जयारोग्य चिकित्सालय के चिकित्सकों को भी होटलों में क्वरेन्टाइन करने के लिए प्रशासन द्वारा होटलों को अधिगृहित किया गया था। लेकिन अब प्रशासन ने चिकित्सकों को होटलों से बाहर कर दिया है और अस्पताल प्रबंधन को खुद ही क्वरेन्टाइन करने के लिए निर्देश दिए हैं। इस पर गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता व जयारोग्य अधीक्षक डॉ. आर.के.एस. धाकड ने समाजसेवियों के मदत से अस्पताल परिवर में बने छात्रावासों में करीब 14 से 15 एसी दान करवा लिए हैं। इन्हें छात्रावासों में लगवाया जा रहा है, जिससे क्वरेन्टाइन के दौरान चिकित्सकों को कोई परेशानी न हो।

केन्द्र व प्रदेश की गाइड-लाइन में लोगों के आने-जाने में छूट दिए जाने की वजह से संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। निजी होटल एवं संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर भी बंद कर दिए गए हैं। फिलहाल सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर चालू हैं। जहां तक जिले की सीमाओं की बात है तो वाहनों को रोका नहीं जा रहा है सिर्फ आने-जाने वालों का रिकार्ड रखा जा रहा है।

-कौशलेन्द्र विक्रम सिंह

जिलाधीश 

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