कोरोना से खेल रहे शहरवासी, बाजारों में उमड़ रहा जनसैलाब
सात दिन में 20 लोग कोरोना से जंग हार गए
ग्वालियर, न.सं.। कोरोना जैसे खतरे की शहर में अनदेखी की जा रही है। यहां के ज्यादातर लोग शायद इसे हल्के में लेने लगे हैं। इसका खामियाजा यह हुआ है कि शहर में धीरे-धीरे फैला कोरोना अब हर गली तक पहुंच गया है। संक्रमण इतना तेजी से फैल रहा है कि हर दिन संक्रमितों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिले में संक्रमितों का आंकड़ा छह हजार के पार पहुंच गया है। यह आंकड़ा पार करने के बाद संक्रमण बेकाबू हो गया है। इसके बावजूद रोकथाम के उपायों में लापरवाही से संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। संक्रमितों की लगातार मौत भी चिंता का सबब बनी हुई है। अगस्त माह में औसतन हर दिन एक कोरोना संक्रमित की मौत हो रही है। उसके बावजूद घर से बाहर निकलने पर लोग सावधानी नहीं बरत रहे हैं। भीड़ में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। प्रशासन के निर्देश के बावजूद दुकानों में न तो मास्क है और न ही उनके संचालक और कर्मचारी मास्क सही तरीके से पहन रहे हैं। बाजारों, कार्यालयों में सामाजिक दूरी गायब हो गई है। प्रतिष्ठानों के बाहर सेनेटाइजेशन की व्यवस्था भी नदारद है। बिना मास्क और बिना काम के लगातार सड़कों पर घूमने वाले लोगों की बढ़ती भीड़ से संक्रमण का दायरा फैलता जा रहा है।
नमूने एक हजार पहुंचे तो केस दोगुने हुए
कम नमूनों की जांच के कारण शुरुआत में शहर में कोरोना की स्थिति काबू में थी लेकिन जैसे ही सैम्पलिंग का औसतन बढ़कर प्रतिदिन एक हजार से ऊपर पहुंचा तो कोरोना के केस भी दोगुने हो गए। अब जांच में हर दिन औसतन सौ कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग अब रैपिड एंटीजन किट से भी जांच करवा रहा है। इसमें ज्यादा संदिग्धों की आसानी से जांच हो सकेगी। कोरोना केस लगातार बढऩे के साथ ही संक्रमण का प्रारुप भी बदला है। शुरुआती दौर में एक सीमित क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मिल रहे थे। इसमें भी परिवार के किसी एक सदस्य में संदिग्ध लक्षण पर जांच के बाद उसे अलग करके बाकी लोगों को संक्रमित होने से बचा पा रहे थे। लेकिन अब कोरोना शहर के कोने-कोने तक हर गली में पहुंच गया है। संदिग्ध लक्षण पर जब जांच की जा रही है तो पूरे का पूरा परिवार या अपार्टमेंट या कॉलोनी में एक साथ 5-10 व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिल रहे हंै। इससे संक्रमितों की संख्या कई गुना तेजी से बढ़ रही है।
अगस्त में बढ़ा कोविड डेथ रेट
शहर में कोरोना संक्रमण के लगातार फैलाव के बीच मृत्यु दर में वृद्धि दर्ज की गई है। जुलाई माह के बाद अगस्त में कोविड डेथ रेट सबसे ज्यादा बढ़ा हुआ है। इसका अनुमान इससे भी लगा सकते हैं कि कोरोना की दस्तक के बाद पांच माह में हुई कुल मौतों में करीब 66 प्रतिशत मौतें अगस्त माह में हुई हैं। अब औसतन प्रतिदिन दो व्यक्तियों की कोरोना से मौत के चलते मृतकों की संख्या 100 के पहुंचने के करीब है।
ज्यादा उम्र वालों को लौटा रहे निजी अस्पताल
कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे के साथ शहर में निजी अस्पतालों की मनमानी भी उजागर हुई है। हॉस्पिटल में डेथ काउंट से बचने के लिए ज्यादातर निजी अस्पताल कोरोना संक्रमित वरिष्ठ नागरिकों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। उन्हें जयारोग्य कॉलेज या दूसरे अस्पताल का रास्ता दिखाया जा रहा है। इससे उनका समय पर इलाज शुरू नहीं हो पाता।
बीते सात दिनों में हर रोज संक्रमितो ने तोड़ा दम
-26 अगस्त तानसेन नगर निवासी 62 वर्षीय सीबी कश्यप, 60 वर्षीय संतोष सिंह
-27 अगस्त खेड़ापति कॉलोनी 43 वर्षीय राम बिहारी शर्मा, माधव नगर निवासी 60 वर्षीय राजीव गुप्ता
-28 अगस्त 45 वर्षीय कस्तूरी बाई
-29 अगस्त शिंदे की छावनी निवासी 70 वर्षीय अशोक कुमार, कोटेश्वर निवासी 32 वर्षीय रामवरन यादव
-30 अगस्त- विनय नगर निवासी 55 वर्षीय राजकुमार अरोरा, मामा का बाजार निवासी 66 वर्षीय लक्ष्मीबाई, पुरानी छावनी निवासी 65 वर्षीय वैजनाथ राजपूत
-31 अगस्त माधव नगर निवासी 75 वर्षीय काशीराम, घासमंडी निवासी 61 वर्षीय सुरेन्द्र खत्री, विनय नगर निवासी 41 वर्षीय अमित सक्सैना, मामा का बाजार निवासी 37 वर्षीय कशिश वाधवानी, चेतकपुरी निवासी 78 वर्षीय शांता सोलंकी
-1 सितम्बर किलागेट निवासी 65 वर्षीय शकुंतला देवी, शीतला माता निवासी 90 वर्षीय रामचरण, ग्वालियर निवासी 70 वर्षीय गोपालदास
-2 सितम्बर- 65 वर्षीय अशोक, कंपू निवासी 70 वर्षीय भगवान दास।