पार्षद के लिए हर घर में नेता बनने की चाह

वार्डो के बाद महापौर की गोलियों का इंतजार

Update: 2020-11-22 01:00 GMT

ग्वालियर,न.सं.। प्रदेश में नगर निगम चुनावों के लिए वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया के साथ ही अब महापौर के आरक्षण की ओर सबकी निगाह लगी हुई है। ग्वालियर में अनुसूचित जाति महिला और पुरूष के बाद पिछड़ा वर्ग महिला एवं सामान्य वर्ग के पुरूष को यह पद मिल चुका है। सिर्फ पिछड़ा वर्ग पुरूष को ही अब तक यह सीट नहीं मिली है। इसीलिए सबकी निगाह इसी सीट की ओर है। वहीं वाडो्र के आरक्षण के बाद चुनाव लडऩे के दावेदारों के नाम उभरना शुरू हो गए है। जिसे देखों वह पार्षद का टिकट चाहता है। हर घर में नेता बनने की चाह नजर आ रही है। उल्लेखनीय है कि पांच दशक से ग्वालियर नगर निगम में भाजपा का महपौर बनता आ रहा है। जिससे यह सीट अभेद किला बनी हुई है। महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का ही चुना जाता रहा है।

इस बार शहर की दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा का एक सीट पर कब्जा होने के कारण महापौर का चुनाव रोचक हो सकता है। वहीं कांग्रेस कह रही है इस बार वह महापौर की सीट पर जीत हासिल करेगी। साथ ही अधिक संख्या पार्षद भी जीतकर आएंगे। राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आ जाने के बाद अब उनके समर्थक भी अन्य नियुक्तियों के अलावा महापौर पद का टिकट भी चाहते है। यद्यपि भाजपा में संगठन ही सर्वोपरि है। तो निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाएगा। वहीं इस बार कांग्रेस से महापौर पद के लिए नया चेहरा सामने हो सकता है। इससे पहले के चुनाव में महापौर का टिकट महल के खाते में रहता था। पिछली बार राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्व. दर्शन सिंह ओर उसके पहले गोविंददास अग्रवाल एवं उमा सेंगर को टिकट दिया था, लेकिन दो बार विवेक नारायण शेजवलकर एवं एक बार समीक्षा गुप्ता महापौर बनी।

दिग्विजय के समर्थक बड़े दावेदार

कांग्रेस में तय माना जा रहा है कि महापौर पद के लिए दिग्विजय सिंह समर्थक को मौका मिल सकता है। कांग्रेस शहर की दो विधानसभा सीटें कांग्रेस के खाते में होने के कारण इस बार महापौर पद पर कब्जा करने के लिए पूरा जोर लगाएगी। इसके अलावा दिग्विजय सिंह भी सिंधिया की कमी को भरने का पूरा प्रयास करेंगे।इसके लिए वासुदेव शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, बालेन्दु शुक्ल, संजय यादव, रश्मि पवार शर्मा के नाम लिए जा रहे है।

पार्षद के लिए फेसबुक पर सक्रियता

पार्षद पद के लिए भाजपा और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा सोशल मीडिया पर अपने आप को दावेदार बताया जा रहा है। भाजपा से कई बार पार्षद रहे सतीश बोहरे को जब महापौर और विधायक का दावेदार बताया गया, तो स्वयं बोहरे ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली। जिसमें लिखा है कि आपका स्नेह एवं आशीर्वाद है तो मैं वैसे ही विधायक एवं महापौर हूं। यहीं मेरी ताकत है, पद के लिए कौन उपयुक्त है कौन नहीं। इसके लिए पूरी पार्टी दिन रात काम कर रही है। इसीलिए मेरा आग्रह है कि किसी प्रकार की फालतू पोस्ट न डाले। इसी तरह वार्ड 20 से विद्यादेवी कौरव, वार्ड 43 से अरविंद सोनी बंटी, वार्ड 13 से एनके सिसौदिया के नाम उभर रहे है।

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