जिस स्ट्रांग रूम के पास सुरक्षा का कड़ा पहरा, वहां से एक दर्जन कम्प्यूटर चोरी
कमरे का न ताला टूटा न खिड़की, मामला संदिग्ध
ग्वालियर, न.सं.। महारानी लक्ष्मीबाई कला एवं वाणिज्य उत्कृष्ठ महाविद्यालय में इस समय स्ट्रांग रूम में मशीनें रखी हैं और चौबीस घंटे सुरक्षा का सख्त पहरा है। बावजूद इसके स्ट्रांग रूम के पास बनी कम्प्यूटर लैब में रखे एक दर्जन के करीब कम्प्यूटर और अन्य उपकरण चोरी हो गए। चोरी का पता चलने पर पुलिस ने बाबू की शिकायत पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया।
विधानसभा उपचुनाव के कारण इस समय एमएलबी महाविद्यालय में स्ट्रांग रूम बनाया गया है, जहां पर वीवी पैड और ईवीएम मशीनें रखी हुई हैं। यहां पर सशस्त्र बलों द्वारा चौबीस घंटे पहरा दिया जा रहा है। स्ट्रांग रूम के पास ही महाविद्यालय की केन्द्रीय कम्प्यूटरीकृत लैब बनीं हुई है। चोरों ने मौका मिलते ही लैब में सेंधमारी कर दी और उसमें रखे एक दर्जन के करीब कम्प्यूटर व अन्य उपकरण कीमत तीन लाख रुपए के करीब चोरी कर लिए। 22 अक्टूबर को महाविद्यालय का बाबू आकाश बाथम ने जब लैब का ताला खोला तो उसे वहां पर रखे कम्प्यूटर गायब मिले। लैब में पदस्थ चपरासी संदीप भगत को भी चोरी का उसी दिन पता चला। कम्प्यूटर लैब में चोरी होने का पता चलते ही प्राचार्य डॉ. राठौर भी मौके पर पहुंच गए और पुलिस को चोरी की सूचना दी। कम्पू थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक जादौन ने कहा कि लैब में चोरी का मामला संदिग्ध है, न तो लैब के ताले टूटे हैं और न ही खिड़की दरवाजे को तोड़ा गया है। जबकि जिस परिसर में चोरी हुई है वहां पर पुलिस का कड़ा पहरा लगा हुआ है और चौबीस घंटे पुलिस सक्रिय है। पुलिस ने आकाश की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों पर मामला दर्ज कर मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।
महाविद्यालय की लापरवाही आई सामने
कम्पयूरटर लैब में चोरी कब और किस समय हुई किसी को भी पता नहीं चल सका है। लैब में इस समय छात्र भी अध्ययन के लिए नहीं आ रहे हैं तो वह काफी समय से बंद ही थी। चोरी के इस मामले में महाविद्यालय की मिलीभगत साफ दिखाई दे रही है।
कमरे का नाप लेने गए तब पता चला चोरी का
स्थापना शाखा के बाबू आकाश बाथम को शासन से आदेश आया था कि महाविद्यालय में जितने भी कमरे हैं सभी का नाप करके भेजो। आकाश 22 अक्टूबर को लैब के कमरे का नाप लेने गया था, तब चोरी का पता चल सका। बॉक्स
स्टाफ ने भी माना दाल में काला है
महाविद्यालय का स्टाफ भी हैरान है कि जब ताले टूटे नहीं खिड़की टूटी नहीं है कहीं से भी चोरों के निशान नजर नहीं आ रहे तो फिर चोरी हो कैसे गई। इस पर महाविद्यालय का स्टाफ भी मान रहा है कि दाल में जरूर कुछ काला है।