विधानसभा चुनाव में दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी सोशल मीडिया की ताकत को जाना और लगा दी टीमें

चुनावी जंग में सोशल मीडिया का तडक़ा कमेंट्स तो कहीं उपलब्धियों का बखान

Update: 2023-11-02 23:30 GMT

ग्वालियर,न.सं.। आधुनिकता के इस दौर में परंपरागत चुनाव प्रचार के साथ ही चुनावी जंग में सोशल मीडिया की भी अहम भूमिका हो गई है। सोशल मीडिया का भी तडक़ा लगने लगा है। प्रत्याशियों के समर्थक और उनकी आईटी टीमें अपनी-अपनी उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं तो एक-दूसरे पर नाम लिए बिना कमेंट्स भी किए जा रहे हैं।

गतिविधियों की रील्स बनाने में ज्यादा जोर

नाम वापसी के बाद चुनाव में प्रचार ने रंगत पकड़ ली है। एक समय में जहां माइक से प्रचार होता था। अब भी इसका उपयोग हो रहा है लेकिन यह सीमित दायरे में रह गया है। सोशल मीडिया के महत्व व युवा वोटों की संख्या अधिक होने से नेता और उनकी आईटी टीम इसका भरपूर उपयोग करने में जुटी है। प्रत्याशियों के प्रचार के दौरान कुछ पलों को रिकार्ड करके उनकी रील्स बनाने में ज्यादा जोर दिया जा रहा है।

आईटी टीम के अलावा अन्य भी सक्रिय

प्रत्याशियों की आईटी टीमें तो सोशल मीडिया के प्रचार में पूरी तरह सक्रिय है और वे हर पल को भुनाने में लगी है। अपने स्तर पर जितना हो सके अपने प्रत्याशी की अच्छाइयां, उनके कार्य, वर्तमान और पूर्व के कार्यों को प्रचारित करने में लगी है तो संगठन भी अपनी अपनी सरकार और प्रत्याशियों के समर्थन में दिनरात जुटे हुए हैं। कार्यकर्ता भी प्रचार के रील्स के साथ - साथ शॉर्ट वीडियो बनाकर पोस्ट करने में जुटे हुए है।

ऐसे पोस्ट चर्चा में

-कहीं से प्रचार अभियान शुरू करने के पहले मंदिर में जाना या किसी छोटी बच्ची और बुजुर्ग के पैर छूना

-प्रचार के दौरान किसी घर में मौजूद महिलाएं और विशेष रूप से बुजुर्ग से मिलना और हाल-चाल जानना।

-रास्ते चलते किसी होटल पर रुकना और लोगों से चर्चा करके उनके हालचाल जानने का प्रयास करना।

-अपना कोई समर्थक रास्ते में मिल जाए तो उसके साथ सेल्फी लेकर सोश्यल मीडिया पर प्रचारित करना।

-रास्ते में मिलने वाले छोटे बच्चों को दुलारना, प्रचार के रास्ते में मंदिर मिले तो वहां धोक देने पहुंच जाना।

इन पर है सबसे ज्यादा जोर

सोशल मीडिया की पहुंच इस समय हर व्यक्ति तक है इसलिए इस समय फेसबुक और वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा पोस्टें इसी बात को लेकर आ रही है। पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों तो निर्दलीयों ने अपने-अपने ग्रुप बनाकर उस पर ही सारा कार्यक्रम, प्रचार अभियान, फोटो, वीडियो और आगामी प्रचार के लिए किस क्षेत्र में जाना है इसका उल्लेख कर रहे हैं। समर्थक इन्हें अन्य ग्रुपों में भेजने में जुटे है।

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