हर रोज खा रहे पांच लाख के अंडे व पी रहे 45 लाख की रम
ठंड की बढ़ी मार तो बदल गया लोगों का जायका
ग्वालियर,न.सं.। मौसम की मार ने लोगों का जनजीवन ही नहीं खान-पान भी बदल दिया है, लोगों के जायके में आए बदलाव का असर इस कदर है कि हर रोज तकरीबन 5 लाख रुपए के अंडे व वहीं रम की खपत हर दिन 45 लाख रुपये से अधिक की रह रही है। मौसम की कड़वाहट अगर आगे और बढ़ी, तो इनकी खपत और बढऩे की उम्मीद है। ठंड में आमतौर पर गरम भोजन की खपत बढ़ जाती है. मौसम की मांग के अनुसार ही कारोबारी भी अपनी तैयारी में पीछे नहीं है। मौसम ने अचानक अंडे की मांग बढ़ा दी है। अनुमान के मुताबिक हर दिन स्थानीय बाजार में पांच से आठ ट्रक अंडा उतर रहा है। यह आंध्र प्रदेश के हैदराबाद और इंदौर से यहां आता है।
आठ करोड़ की प्रत्येक माह अंडे की खपत
ठंड में अंडे की मांग का असर इतना है कि हर माह जिले के बाजार में आठ करोड़ 57 लाख रुपये की खपत हो रही है। हर दिन अंडे से भरा पांच से आठ ट्रक बाजार में उतरते है।
शाम होते ही भीड़
मौसम ने लोगों स्वाद बदल दिया है। शहर के विभिन्न चौराहों पर अंडा- आमलेट की दुकान हर दिन शाम को सज जाती है। अंडा के आमलेट के अलावा ऐग 10 रोल, भुजिया, उबला अंडा समेत अन्य रूप में ग्राहकों के बीच इसकी खपत है।
बढ़ी रम की मांग
मौसम ने मदिरालयों में भी लोगों की भीड़ बढ़ा दी है। यहां ठंड से राहत के लिए शराब का सेवन करने वालों की रम पहली पसंद है। इससे रम की बिक्री में अचानक उछाल आया है। हाल यह है कि हर दिन लोग 45 लाख रुपये से अधिक की रम पी रहे है। सिंडिकेट से जुड़े लोगों की मानें तो वर्तमान में डेढ़ करोड़ से अधिक की ब्रिकी हो रही है। इसका 30 प्रतिशत बिक्री रम की है। जनवरी माह के पहले में इसकी खपत बढ़ गई है। एक पेटी में 12 पीस रम होती है।
एक बोतल रम 600 की
प्रति रम की कीमत 600 सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक होती है। अक्तूबर में 850 पेटी व नवंबर में 1581 पेटी तक रम की खपत रही।
इनका कहना है
ठंड में अंडों की खपत बढ़ी है यह बात सही है। वर्तमान में एक दिन में दस से 12 ट्रक आ रहे है। सर्दियों के कारण अंडा भी महंगा मिल रहा है।
असलम खान सूरी
थाक विक्रेता