ग्वालियर में अवैध पार्किंग से आजाद नहीं हो सका अस्पताल मार्ग, तलघरों में चल रहे मेडीकल और गोदाम
अस्पताल मार्ग पर रोज लग रहा जाम, वाहन निकलने तक की जगह नहीं
ग्वालियर। अस्पताल रोड अवैध पार्किंग से आजाद नहीं हो सका है। इस रोड पर संचालित निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को पार्किंग की व्यवस्था किए जाने के लिए कई बार निर्देश भी दिए, लेकिन संचालकों पर रत्तीभर असर नहीं हुआ है। पार्किंग का इंतजाम अब तक नहीं हो सका है। अस्पतालों के वाहन रोड घेरकर अब भी खड़े हो रहे हैं।
अस्पताल रोड पर कई निजी अस्पताल व क्लीनिक हैं। इनमें कुछ अस्पतालों के पास पार्किंग के लिए तलघरों की व्यवस्था है पर इनका इस्तेमाल मेडिकल के कामों के लिए हो रहा है। इन अस्पतालों के स्टाफ, मरीजों के परिजनों के दो पहिया व चार पहिया वाहन सडक़ पर दोनों ओर घंटों तक खड़े हो रहे हैं। जिसके कारण रोड सिकुड़ गई है और दिन में कई बार जाम लग रहा है। वाहन चालकों को निकलने में काफी दिक्कत हो रही हैं।
तत्कालीन सीएमएचओं ने जारी किए थे नोटिस
तत्कालीन सीएमएचओ मनीष शर्मा ने आधा दर्जन निजी अस्पतालों व क्लीनिकों को नोटिस जारी किया था। जिसमें क्लीनिकों से कहा था कि आपके क्लीनिक परिसर में पार्किंग न होने के कारण मरीजों व परिजनों के वाहन सार्वजनिक सडक़ पर खड़े किए जा रहे हैं तत्काल क्लीनिक परिसर में पार्किंग की व्यवस्थ करें। इसी प्रकार निजी अस्पतालों से कहा गया था कि आपके अस्पताल परिसर के तलघरों में पैथोलॉजी लैब का का संचालन किया जा रहा है। जिसे तत्काल हटाकर पार्किंग की व्यवस्था करते हुए सीएमएचओ कार्यालय को अवगत कराएं। लेकिन आज तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। आज भी अस्पतालों के बाहर वाहन खड़े हो रहे है।
शहर में और भी कई जगह रोड जाम
केवल अस्पताल रोड ही नहीं शहर के और भी कई इलाके ऐसे है जहां प्रमुख सडक़ पर तमाम निजी अस्पताल व क्लीनिक संचालित हो रहे हैं जिनके तलघरों में पार्किंग की जगह अस्पताल का अन्य काम हो रहा है। इनके वाहन सडक़ पर ही रात दिन खड़े हो रहे हैं। यहां भी दिक्कतें हो रही हैं।
यातायात प्रबंधन को लेकर कई बार बैठके होती है
शहर की व्यस्ततम और अंचल के सबसे बड़े अस्पताल के लिए जाने वाले अहम मार्ग अस्पताल रोड पर अवैध पार्किंग के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यहां करीब सौ से ज्यादा कारें पार्क होती हैं, जो कि सडक़ पर तीनों पट्टियों पर लगाई जाती हैं। दोपहिया वाहनों की संख्या अनगिनत है। यातायात प्रबंधन को लेकर कई बार बैठके होती है, लेकिन बैठक में मिलने वाले निर्देशों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जाता।
जिलाधीश के सामने सिर्फ हां मैं हां
पुलिस अधिकारी जिलाधीश के सामने कार्रवाई के लिए हां में हां जरूर मिला देते हैं, लेकिन इसके बाद पलटकर नहीं देखते कि अवैध पार्किंग का क्या हाल है।
ये है अस्पताल रोड की हालत
अस्पताल रोड पर दोनों ओर निजी अस्पतालों और क्लीनिक व लैबों का जमावड़ा है। यहां अनियंत्रित ढंग से अस्पताल बन गए हैं, जिनके पास न खुद की पार्किंग है और न ही उन्हें मतलब है कि उनके कारण सडक़ों पर ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है।
-लोग रोज परेशान होते हैं। ट्रैफिक पुलिस हो या प्रशासन के अधिकारी यहां कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसके लिए पहले भी कई बार कवायद की जा चुकी है, लेकिन इस रोड को साफ नहीं किया जा सका है। स्थानीय लोग भी कलेक्ट्रेट से लेकर नगर निगम में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाती है।
-अस्पताल और डॉक्टरों की केबिन के नीचे तलघर मौजूद थे, जिनमें केबिन, मेडिकल स्टोर, दवाओं का गोदाम, धुलाई क्षेत्र बना रखे है। कुछ में ऑक्सीजन सिंलेडर रखे हुए है।
रोड़ पर बने हैं अस्पतालों किसी में नहीं हैं पार्किंग
अस्पताल रोड पर निजीअस्पताल बने हैं हुए और इतने ही लैब जिनमें करीब हर रोज हजारों मरीज भर्ती होते एवं लैबों से विभिन्न प्रकार की जांच कराने के लिए आते हैं। इन अस्पतालों में किसी भी अस्पताल के पास पार्किंग की व्यवस्था नही हैं।