रामपूजा पड़ी भारी, कमलनाथ के खिलाफ फतवा हुआ जारी

Update: 2020-08-08 12:00 GMT

भोपाल। अयोध्या में गत 5 अगस्त को हुए राममंदिर भूमि पूजन का पूरे देश में जबरदस्त स्वागत किया गया है। देश भर में आमजनों के साथ धर्म निरपेक्षता की दलीलें देने वाली कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी राममंदिर का स्वागत किया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सहित सोनिया गाँधी, दिग्विजय सिंह, राहुल गाँधी एवं प्रियंका गाँधी ने भी इसका समर्थन किया था।  

प्रदेश में पूर्व सीएम कमलनाथ ने हनुमान चालीसा का पाठ एवं भगवान राम का पूजन किया था। कमलनाथ के निर्देश पर सभी जिलों में नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय पर भी हनुमान चालीसा का पाठ किया।  कांग्रेस द्वारा राममंदिर निर्माण के किये इस समर्थन से मुस्लिम समुदाय नाराज हो गया है। हैदराबाद की एक तंजीम जामिया निजामिया ने कमलनाथ और कांग्रेस के खिलाफ फतवा जारी किया है। 

जारी हुआ फतवा

फतवे में कहा गया कि पिछले कुछ अरसे से कमलनाथ और कांग्रेस ने जिस तरह से मुसलमानों से मुँह मोड़ा है उससे साफ है कि अब हमारा साथ देना उनकी सियासत के हक में नहीं है। कौम को कभी भी कमलनाथ पर पुरसुकून यकीन नहीं था फिर भी जिस तरह से उन्होंने कौम के नुमाइंदों के आगे हिंदुओं से निपट लेने के दलीलें दी थी, उस पर हमने भी खुलकर उनका हाथ थामा था।

चुनावों में होगा बहिष्कार  

पिछले एक हफ्ते से उनकी बेखौफ हिंदूपरस्ती के नमूने मीडिया में देख रहे हैं। कभी हनुमान की पूजा, कभी शहीद बाबरी मस्जिद पर बन रहे राम मंदिर का इस्तकबाल, उनके बयानों में कौम की दिली तकलीफ के लिए जरा भी हमदर्दी नहीं थी। उनकी हरकतों ने शक की हर बुनियाद को साफ कर दिया है कि मुसलमान सिर्फ उनके लिए सियासती प्यादे हैं जिन्हें वे अपनी हुक्मरानी में कुर्बान कर सकते हैं। आने वाले समय में कौम का रुख साफ है। सियासतदां जिस तिजारतीतौर पर कौम को तौलते हैं, अब मुसलमानों को भी सियासी पार्टियों को फायदे के तराजू पर तोलना होगा, कमलनाथ की शतरंज में कुर्बान होना हमें कुबूल नहीं है।इस वाकये के बाद से कौम के सभी ख्वातीनों हजरात् को हमारा मशविरा है कि आने वाले इंतिखाबात में कमलनाथ और कांग्रेस के भरोसे ना रहे। अपने इलाके में आपका साथ देने वाले नुमाइंदे को तौल कर अपना वोट दें।फतवे के आखिर में लिखा गया है कि इस मुल्क में अब मुसलमान अकेला है। हमें कांग्रेस और कमलनाथ के भरोसे नहीं रहना। बहुत सोच समझ कर अपना रहनुमा चुनना है और हमें अपने दीन पर भरोसा करना है।

माला से पोछे थे हाथ 

कमलनाथ फतवे से पहले भगवान राम की तस्वीर से हाथ पोछने के मामले में भी विवादों में फंस चुके है।  बता दें की 5 अगस्त को राम भगवान की तस्वीर की पूजा करने के बाद उन्होंने माला से हाथ पोछ लिए थे।  जोकि  विधि रूप से अनुचित है।  



 















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