दो माह में पड़ेंगे 15 पर्व-त्यौहार, गुरु पूर्णिमा से होगी शुरुआत

करोड़ों के व्यापार पर लगेगा कोरोना का ग्रहण

Update: 2020-06-30 01:00 GMT

ग्वालियर,न.सं.। अगले माह की शुरुआत में गुरु पूर्णिमा पर पड़ रहे चंद्रग्रहण का भले ही भारत में असर न हो, लेकिन अगले 60 दिनों में पड़ रहे 15 से अधिक पर्व-त्योहारों पर कोरोना महामारी का ग्रहण लगने की पूरी संभावना है। इन पर्व-त्योहारों में हर साल करोड़ों रुपए का व्यापार होता है। इस साल छोटे-बड़े कलाकार, थोक व्यापारी, छोटे दुकानदार, धर्मस्थलों के ट्रस्टीगण से लेकर तीज-त्यौहार मनाने वाली घरेलू महिलाओं के चेहरों पर मायूसी छाई है। ट्रेनें बंद होने से तीर्थस्थल, पिकनिक स्पॉट का भ्रमण न कर पाने से बुजुर्ग, युवा सभी निराश हैं। 05 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर छोटे-बड़े आश्रमों, संगीत विद्यालयों में हर साल भव्य रूप से होने वाली गुरु की पूजा पर इस साल चंद्रग्रहण के साथ कोराना महामारी का ग्रहण भी छाया रहेगा।

सावन में नहीं बिकेगा दूध, कांवर, भगवा वस्त्र

6 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह में जलाभिषेक करने हर सोमवार को हजारों लीटर दूध, कांवर और भगवा वस्त्रों का प्रदेशभर में करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित होगा। लेकिन इस बार कांवर यात्रा पर रोक है। सोमवार को मंदिरों में प्रवेश वर्जित रहेगा। भक्त सिर्फ बाहर से ही पूजा-पाठ कर सकेंगे।

हरियाली तीज

हरियाली तीज इस बार 20 जुलाई को है। इसके तीसरे दिन माहेश्वरी समाज, अग्रवाल समाज हरियाली तीज धूमधाम से मनाते हैं व समाज में भव्य आयोजन होते हैं। सराफा में जेवर, सत्तू बनाने घी, मिठाई की बिक्री बढ़ जाती है। इस बार हरियाली तीज सादगी से मनेगी।

नागपंचमी पर हवन सामग्री कारोबार रहेगा मंदा

25 जुलाई को नागपंचमी पर काल सर्प दोष निवारण करने जगह-जगह हवन, यज्ञ होता है। लाखों रुपए की हवन सामग्री बिकती है। इस बार सामूहिक आयोजन नहीं होने से कारोबार प्रभावित होगा।

रक्षा बंधन-जन्माष्टमी पर राखी, मिठाई बाजार

3 अगस्त को रक्षा बंधन पर राखी और मिठाई का कारोबार प्रभावित होगा। ट्रेनें बंद होने से बहनें न भाई के घर जा पाएंगी और न भाई बहनों के घर। इसी तरह 10 अगस्त को हलषष्ठी और 12 अगस्त को जन्माष्टमी पर्व भी मंदिरों में सादगी से मनाएंगे। इससे भजन गायकों, मंडली कलाकारों की आमदनी नहीं होगी।

गणेश पर्व पर सजावट का नुकसान

22 अगस्त को शुरू हो रहे गणेश पर्व पर स्थल सजावट और विसर्जन झांकी के लिए हर पंडाल में लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। इस बार मूर्तिकारों, कलाकारों, लाइट डेकोरेशन, किराया भंडार, बैंड बाजा वालों की आमदनी नहीं होगी। भीड़ न जुटने से छोटा-मोटा धंधा करने वालों की रोजी प्रभावित होगी।

ये त्यौहार भी रहेंगे प्रभावित

इनके अलावा मोहर्रम पर बनने वाले ताजिया, दक्षिण भारत के लोगों द्वारा मनाए जाने वाला ओणम पर्व, पितृ पक्ष के 15 दिन बिकने वाली हवन सामग्री का बाजार भी प्रभावित रहने की संभावना है।

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