कोरोना मरीज की इलाज में लापरवाही, कल्याण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के 4 डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज
ग्वालियर। कोरोना काल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक मरीज की जान चली गई थी। इस मामले में अब कल्याण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के 4 डॉक्टरों पर एफ आई आर दर्ज हुई है।डॉक्टर खुशाली कोटेचा, डॉ राघवेंद्र शर्मा ,डॉ आदित्य तिवारी एवं डॉ अरुण तिवारी खिलाफ उपचार में लापरवाही करने और उसकी वजह से मौत होने का मामला दर्ज कराया है।
दरअसल, डॉक्टर अशोक शर्मा के पुत्र सचिन शर्मा को फेफड़ों में इंफेक्शन होने के बाद 24 अप्रैल 2021 को कल्याण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने रोगी की आरटी पीसीआर अथवा रैपिड एंटीजन टेस्ट की जांच कराए बिना रोगी को कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया था। जिसके बाद कोरोना संक्रमित होने के कारण दिनांक 9:05 2021 को सचिन की मौत हो गई थी।
सचिन के पिता डॉ अशोक शर्मा ने उपचार में लापरवाही की शंका होने पर कल्याण हॉस्पिटल से रोगी की ट्रीटमेंट फाइल की प्रमाणित प्रति प्राप्त की थी। उपचार सीट में लापरवाही किए जाने की बात पता चलने पर डॉ अशोक शर्मा ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर को शिकायत करते हुए अस्पताल का पंजीयन निरस्त करने का निवेदन किया था।इसके बाद सीएमएचओ कार्यालय ने डॉक्टरों की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने जाँच में बताया की अस्पताल प्रबंधन द्वारा रोगी की ट्रीटमेंट फाइल में नए ट्रीटमेंट नोट्स अंकित किए थे जो की प्रमाणित प्रतिलिपि मैं अंकित नहीं थे। रोगी को कोरोना संक्रमण की किसी विश्वसनीय जांच से पुष्टि ना होने पर भी रोगी को कोविड सेंटर में संक्रमित रोगियों के साथ भर्ती करना जांच में पाया गया।
क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा भी रोगी के उपचार में अनियमितताएं एवं दस्तावेजों में छेड़छाड़ हो ना पाया था। किंतु डॉ मनीष शर्मा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अस्पताल के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की एवं मात्र चेतावनी पत्र जारी कर अस्पताल प्रबंधन को अनुचित लाभ पहुंचाया था। अस्पताल प्रबंधन से मिलकर प्रार्थी अशोक शर्मा की शिकायत को भी नस्ती करने का प्रयास किया गया था। सीएसपी विजय भदोरिया द्वारा डॉ अशोक शर्मा की शिकायत की जांच की एवं अस्पताल प्रबंधन के डॉ राघवेंद्र शर्मा डॉक्टर खुशाली कोटेचा डॉक्टर अरुण तिवारी एवं डॉ आदित्य तिवारी के विरुद्ध दस्तावेजों में हेरफेर कर धोखाधड़ी करने के संबंध में एफआईआर करने की अनुशंसा की थी। जाँच के बाद सभी डॉक्ट्रों के खिलाफ धारा 420 ,467, 468, 471, 34 भारतीय दंड विधान की एफ आई आर दर्ज की गई।