कोरोना काल में शिक्षादूत बनीं पूर्व मंत्री की बहू नंदनी

लॉकडाउन में घर को बनाया स्कूल, बच्चों को दे रहीं अंग्रेजी व नैतिक शिक्षा

Update: 2020-06-05 06:15 GMT

ग्वालियर। कोरोना संकट की वजह से लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है और लोग घरों से निकलने में कतराने लगे हैं। लॉकडाउन चार के पहले तक लोगों के घरों से निकलने में पूरी तरह पावंदी थी और बच्चे घरों में कैद हो गए थे। जिसकी वजह से उनकी दिनचर्या भी बदल गई और घरों में रहकर उन्हें खेलने को नहीं मिल रहा था, न ही पढऩे के लिए विद्यालय व शिक्षक मिल रहे थे। ऐसे में पूर्व मंत्री माया सिंह की बड़ी बहू व भाजपा के युवा नेता पीताम्बर प्रताप सिंह की पत्नी नंदनी सिंह झाबुआ गरीब बच्चों के लिए शिक्षादूत बनकर सामने आईं। बच्चों की जिंदगी में रंग भरने के लिए उन्होंने आसपास के झोपडिय़ों में रहने वाले बच्चों को घर पर ही शिक्षा देने की ठानी। घर को ही उन्होंने विद्यालय बना दिया और सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही मास्क पहनाकर बच्चों को शिक्षा देने लगीं।

महाराणा प्रताप नगर स्थित आवास में वह पिछले काफी दिनों से रानीपुरा व आसपास के क्षेत्र के बच्चों बढ़ा रही हैं। राज परिवार में पली-बढ़ीं नंदिनी उच्च शिक्षित हैं और उनके मन में जरा भी यह भाव नहीं है कि वह राजपरिवार से जुड़ी हैं। वह एक आम शिक्षक की तरह बच्चों को दो घंटे तक अंगे्रजी व नैतिक शिक्षा की बारीकियां सिखा रहीं हैं। बीच-बीच में बच्चों को कम्प्यूटर की भी पढ़ाई करवाती हैं। अपने सास-ससुर व पति के आदर्शों पर चलते हुए वह समाज में मानवता की एक नई मिसाल पेश कर रही हैं। इस नई पहल से कोरोना काल में नीरश हो चुकी बच्चों की जिंदगी में खुशहाली लौटी है और वह अब एक-दूसरे से अंग्रेजी में बात करने लगे हैं। वह बड़े बुजुर्गों के बीच एक मिसाल पेश कर रहे हैं। कोरोनाकाल में शिक्षक बनीं श्रीमती नंदनी सिंह झाबुआ बताती हैं कि मेरे मन में शुरू से ही बच्चों को बढ़ाने की ललक रही है। जब भी मुझे समय मिलता बच्चों को उंगली पकड़कर पढ़ाने के लिए अग्रसर हो जाती। कोरोना काल में बच्चे घरों पर कैद थे और उनके अंदर कहीं न कहीं नकारात्मकता का भाव जाग रहा था। इसलिए मैंने सोचा की क्यों न अपने घर को ही विद्यालय बना दिया जाए और गरीब व परेशान लोगों के बच्चों को इस संकट में शिक्षा दी जाए। इसलिए आसपास के बच्चों को बुलाकर सामाजिक दूरी का पालन करवाते हुए व मास्क पहनाकर उन्हें शिक्षित करना शुरू कर दिया। पिछले कुछ दिनों से मैं बच्चों को यहीं पर पढ़ा रही हूं। विशेषकर अंग्रेजी, नैतिक शिक्षा आदि पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

योग की भी सिखा रहीं बारीकियां-

नंदनी सिंह बच्चों को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें योग की बारीकियां भी सिखा रहीं हैं, ताकि वह शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। वे बताती हैं कि उनका ज्यादातर ध्यान बच्चों का मानसिक विकास करना है। इसलिए ऑनलाइन अध्ययन पर विशेष ध्यान देती हैं, ताकि बच्चे इसमें भी दक्ष हो सकें। बच्चों को शिक्षा की प्रेरणा उन्हें बड़ी बहन और बुआ सास से मिली है, जो गरीब व असहाय बच्चों की हमेशा मदद किया करती थीं और उन्हें शिक्षा देती थीं। 

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