जगह-जगह फैला कचरा, त्यौहारी खुशियों के रंग में डल रहा भंग -
गली-मोहल्लों में नहीं पहुंच रहीं गाडिय़ां, कूड़े-कचरे का लगा है ढेर
ग्वालियर,न.सं.। दशहरा पूर्व शहर में सफाई एवं स्वच्छता का दम भरने वाला नगर निगम दशहरा बाद दम तोड़ता दिख रहा है। नवरात्रि उत्सव के समय जो तेवर निगम ने सफाई को लेकर दिखाया वह शिथिल पड़ गया है। एक बार फिर से शहर के चौक-चौराहों, गली-मोहल्लों में कचरों का ढेर दिखने लगा है। कचरों की सडऩ से बदबू फैलने लगी है। साफ-सफाई के साथ लक्ष्मीजी के आह्वान का बड़ा त्यौहार दीपों के पर्व दीपावली में अब महज कुछ दिन शेष रह गए हैं।
एक तरफ जहां शहर के लोग घरों से कचरा बाहर निकाल रहे हैं, वहीं निगम की सुस्त चाल से जगह-जगह फैला कचरा त्यौहारी खुशियों के रंग में भंग डालता दिख रहा है। यहां बता दें कि शहर के मोर बाजार, ढोली बुआ का पुल, जीवाजीगंज, तारागंज, छत्री मंडी सहित कई वार्डों के गलियों, मोहल्लों तथा चौक चौराहों पर कचरा बिखरा पड़ा है। नगर निगम ने बीते माह ईकोग्रीन के वाहन जब्त कर नवरात्रि को लेकर सफाई एवं स्वच्छता को लेकर जो मुहिम चलायी थी उससे शहर में स्वच्छता को लेकर उम्मीदों को पंख लगने लगा था। बल्कि सफाई अभियान का तेवर देख शहरवासियों में उम्मीद की नई किरण जगी थी। लेकिन दशहरा का त्यौहार बीतते ही सफाई को लेकर नगर निगम के ढीले पड़े तेवर ने एक बार फिर से समस्या पैदा कर दी है। उधर डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के फेल हो जाने के कारण लोग कूड़ा खाली प्लॉटों-गलियों और नालों में फेंक रहे हैं, जिन्हें नगर निगम के सफाई कर्मचारी तीन से चार दिन बाद उठा रहे हैं। इन दिनों शहर में 600 टन से ज्यादा कचरा निकल रहा है, लेकिन उठवाया 300 टन तक नहीं जा रहा है। बाकी कचरा शहर की गलियों-सड़कों और खाली प्लॉटों में सड़ रहा है।
सड़क पर लगा है कूड़े का अंबार
सफाई अभियान में आई सुस्ती के कारण कई वार्डों में बने नालों का पानी सड़कों पर जमा हो गया है। वहीं चौक-चौराहों पर रखे कचरेदान से बाहर भी कचरे बिखरे पड़े हैं। इससे निकलता बदबू वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। एक तरफ जहां घरों व दुकानों की साफ सफाई रंग-रोगन के बाद स्वच्छ वातावरण में लक्ष्मी पूजन की तैयारियों में लोग लगे हैं, वहीं सड़कों चौराहों पर पसरा कचरा स्वच्छता पर सवाल बन कर खड़ा है।
धीमी गति बन सकती है समस्या
दरअसल दीपावली को लेकर हर रोज प्रत्येक घरों व दुकानों से की गई सफाई के बाद कचरा बाहर निकलता है। हालात यह है कि निगम जिस रफ्तार से कचरा उठावाने में लगा है। ऐसे में दीपावली तक शहर में हर तरफ कचरा ही कचरा नजर आएगा। बल्कि सड़क एवं चौराहों तथा नालियों में जमा कचरे की सफाई नहीं होने से त्योहार का रंग बदरंग होने की संभावना जताई जा रही है।
रात में दुकानों की सफाई, सड़क पर कचरा
शहर के मुरार, गोले का मंदिर, पिंटोपार्क, बिरलानगर, हजीरा, चार शहर का नाका, छत्री बाजार, मोर बाजार, नई सड़क, लक्ष्मीगंज, थाटीपुर, किलागेट, समेत बाजारों में दुकानदार रात में ही दुकानों की रंगाई-पुताई करा रहे हैं। सफाई के दौरान कूड़ा सड़क पर ही फेंक रहे हैं, जो दोपहर तक वहीं पड़ा रहता है। दोपहर में बाजार जाने वाले लोगों को कचरे के ढेर के बीच ही दुकानों तक पहुंचना पड़ रहा है।
इनका कहना है
मैं डोर-टू-डोर कूड़ा न होने की शिकायत निगम अधिकारियों से कर चुका हूं। पर कूड़ा लेने अब भी कोई नहीं आता। एक डस्टबिन में तीन कॉलोनियों का कूड़ा आ जाएगा क्या। वह भी चार दिन बाद उठाने के लिए आएंगे तो सड़क पर बिखरेगा ही। 13वीं रैकिंग आने से कुछ नहीं होगा। पहले निगम अधिकारियों को शहर की सफाई व्यवस्था सुधारनी चाहिए।
-बृजेश श्रीवास्तव, पूर्व पार्षद
जब तक घर घर से कूड़ा नहीं उठता,तब तक सफाई कैसे होगी। न तो कर्मचारी आ रहे और न ही गाडिय़ा। नगर निगम सफाई कराना चाहता ही नहीं तो कैसे उठेगा कूड़ा। गंभीरता से योजना बनानी होगी तब सफाई होगी। दीपावली से पहले सफाई व्यवस्था बदहाल है।
धर्मेन्द्र कुशवाह, पूर्व पार्षद