सोने के 70 हजारी होने से स्थानीय कारोबार 50 प्रतिशत घटा

फिलहाल दाम कम होने की उम्मीद नहीं

Update: 2024-04-04 00:30 GMT

त्योहारी सीजन में सोने की बढ़ी चमक

ग्वालियर।  सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हंै। लगातार इसका दाम चढ़ता जा रहा है। इसकी कीमत 70600 रुपए प्रति दस ग्राम तक पहुंच गई है। हालात ऐसे हैं कि अब सोने में निवेश करना हर किसी के वश की बात नहीं है। सोने के दाम बढऩे के कारण स्थानीय कारोबार 50 प्रतिशत तक घट गया है। बाजार में सोने के खरीददार न के बराबर ही रह गए हैं। बहुत अधिक आवश्यकता होने पर ही लोग इसे खरीद रहे हैं, वह भी कम वजनी।

बाजार में जब किसी वस्तु के दाम जरूरत से ज्यादा हो जाते हैं तो इसकी खरीदारी पर असर पडऩे लगता है। यही हाल सोने का है। सोना खरीदने का सपना अब सपना ही बनकर रह गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके दाम हर रोज बढ़ रहे हैं। सोने की कीमत इतिहास में पहली बार 70600 रुपए के पास पहुंच चुकी है। कीमतें बढऩे से सराफा बाजार में भी व्यापार ठंडा पड़ गया है। सराफा कारोबारियों के अनुसार सोने के दाम बढऩे का मुख्य कारण चायना द्वारा सोने की अधिक खरीदारी करना और डॉलर 83 रुपए होना मुख्य रूप से शामिल है।

स्वर्ण कारोबारियों को भी नहीं समझ आ रहा है भाव:-

ग्राहकों के साथ ही स्वर्ण कारोबारियों को भी समझ में नहीं आ रहा है कि यह भाव कहां जाकर रुकेंगे। मार्च माह के प्रथम सप्ताह में जो सोना 64650 रुपए प्रति दसग्राम था जो अब 70600 रुपए प्रति दसग्राम हो गया है। बीते दो वर्ष पहले की बात करें तो सोना 50 हजार रुपए प्रति दसग्राम था जो 20 हजार रुपए तक बढ़ गया है।

मासिक किश्त जमा करके खरीदो सोना:-

सराफा बाजार से जुड़ी कुछ कंपनियों ने मासिक किश्त जमा करने की योजना चलाई है। इस योजना में आप 11 माह तक अपनी सामर्थय के अनुसार पैसा जमा कर सकते हैं और 12 वे माह की किश्त कंपनी ही भरेगी। इस जमा पैसे से आप सोने की खरीदारी कर सकते हैं। मान लीजिए आपने प्रति माह कंपनी में पांच हजार रुपए के हिसाब से 11 माह तक 55 हजार रुपए जमा किए तो कंपनी 12वें माह में 60 हजार का सोना आपको देगी। ऐसा कई लोगों द्वारा किया जा रहा है। इससे सोना खरीदी का भार लोगों पर कम पड़ेगा।

सस्ते दामों में ले रहे हैं पुराना सोना:-

सराफा बाजार में इस समय स्थिति सही नहीं है। पहले तो स्वर्ण कारोबारी पुराने सोने की खरीदारी से कतरा रहे हैं। कुछ स्वर्ण कारोबारी पुराना सोना ले भी रहे हैं तो बाजार की कीमत से दो-तीन हजार रुपए कम ही दे रहे हैं। व्यापारियों को डर हैै कि इस अव्यवस्था के चलते सोने के दाम कहीं बदल नहीं जाए।

आर्टीफिशियल ज्वेलरी की बढ़ी मांग:-

सोना खरीदना जितना मुश्किल है उतना ही खतरनाक इसे पहनना है। सोना पहनने से ज्यादा निवेश की वस्तु बनकर रह गया है। बाजार में सोना पहनकर जाओ और घर पर सुरक्षित लौट आओ बेहद ही चिंता का विषय है। ऐसे में महिलाओं द्वारा अब आर्टीफिशियल ज्वेलरी को पहनना और खरीदना शुरू कर दिया है। यह देखने में आकर्षक तो होती ही हैं और बजट में भी आ जाती हैं। इसलिए महिलाओं का रूझान इस ज्वेलरी की तरफ अधिक बढ़ गया है। इस ज्वेलरी की ऑनलाइन और ऑफ लाइन जमकर खरीदारी हो रही है।

इनका कहना है:-

‘वैश्विक परिस्थितियों के चलते सोने के दाम बढ़े हैं। दामों में कब कितना परिवर्तन आएगा कहना मुश्किल है। दाम बढऩे से अब ग्राहकों ने भी आना कम कर दिया है। वैश्विक अस्थिरता के कारण पुराना सोना खरीदना भी कम ही कर दिया है।’

पुरूषोत्तम जैन

अध्यक्ष, लश्कर सराफा बाजार 

‘दाम जब भी सामान्य होते हैं तो वस्तु को हर वर्ग का व्यक्ति खरीद सकता है। दाम अधिक होने से सोना सामान्य लोग भी नहीं खरीद पा रह हैं। दाम अधिक होने से 50 प्रतिशत व्यापार खत्म सा हो चुका है। डॉलर का दाम बढऩा और चीन द्वारा अधिक सोना खरीदने से इसके दाम बढ़ रहे हैं। जब कोई देश अधिक मात्रा में सोने की बिक्री करेगा तभी इसके दाम कम होने की संभावना। अभी सोना 2 से 3 हजार रुपए और बढ़ सकता है।’

जवाहर जैन

अध्यक्ष, ग्वालियर सराफा संघ

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