ग्वालियर, न.सं.। कोरोना काल में निवेशकों की पसंद के कारण सोने ने सभी रिकार्डों को तोड़ते हुए शीर्ष स्थान पर अपनपा कब्जा कर लिया है। सोने के दामों में आई तेजी के कारण निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों ने तो इससे दूरी बना ली है। सोना अब पहनने की नहीं केवल देखने की वस्तु बन गया है। आज से 95 वर्ष पहले 1925 में जो सोना 18 रुपए में 10 ग्राम आता था, वही आज 57 हजार रुपए में 10 ग्राम आ रहा है। सराफा कारोबारियों के अनुसार सोने के दाम अब स्थिर नहीं रहने वाले हैं। इनमे और अधिक तेजी आएगी।
खरीददार कम बेचने वाले अधिक हैं:-
सराफा बाजार में सोना खरीदने वालों की संख्या कम होती जा रही है। दाम अधिक होने के कारण लोग इसे बेचने के लिए आ रहे हैं। बेचने वालों में पुराना समय का सोना बेचने वालों की संख्या अधिक है। वहीं सराफा कारोबारी भी मुख्य भाव से 7 से 8 हजार कम दामों पर सोना खरीद रहे हैं।
छह माह में बढ़ गए 17 हजार रुपए:-
सोने के दाम दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। छह माह पहले फरवरी माह में यही सोना 40 हजार रुपए प्रति दसग्राम था जो कोरोना काल में धीरे-धीरे 17 हजार रुपए बढ़ते हुए 57800 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुँच गया। लोगों को उम्मीद थी कि देवशयनी ग्यारस के बाद सोने के दाम गिरना शुरू होंगे लेकिन इसके विपरीत दाम और अधिक बढ़ रहे हैं। वहीं सराफा कारोबारी भी बढ़े दामों को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उनका बाजार भी प्रभावित हो रहा है।
सोने के बढ़ते हुए दाम रुपए दस ग्राम में:-
वर्ष दाम
1925 18.75
1935 30.81
1945 62.00
1955 79.18
2005 7000
2012 30800
2020 57800
इनका कहना है:-
'सोना और चांदी के भाव को बाजार में अस्थिरता है। दाम अभी और बढ़ेंगे। तेजी के कारण खरीददार कम होते जा रहे हैं।'
गौरव गोयल, स्वर्ण कारोबारी