कोरोना काल में ग्वालियर के गोलगप्पे ने दिलाई देश में पहचान

बेरोजगारों के लिए प्रेरणा बनी प्रधानमंत्री की स्वनिधि योजना

Update: 2020-10-10 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। अदृश्य महामारी कोरोना वायरस ने देश-दुनिया को हिलाने के साथ ही कई लोगों के जीवन की खुशियों को ही लील लिया। लॉकडाउन से जहां छोटा-मोटा व्यवसाय व धंधाकर परिवार का भरण-पोषण करने वाले लोगों का रोजगार छिन गया वहीं मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। उसके बाद भी लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और भीषण संकट में भी इस महामारी का डटकर मुकाबला किया। ऐसे में 'प्रधानमंत्री स्व निधि योजना लोगों के जीवन में खुशियां लेकर आई। मजदूरों व कामगारों ने उक्त योजना से ऋण लेकर छोटा-मोटा काम शुरू किया और परिवार का गुजर-बसर करने लगे। इसका जीता-जागता उदाहरण  ग्वालियर के चार शहर का नाका की रहवासी अर्चना शर्मा। कोरोना काल में जिनके गोलगप्पे ने देश में ग्वालियर को पहचान दिलाई और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की।

अर्चना के सामने रोजी-रोटा का संकट आने के बाद उन्होंने 'प्रधानमंत्री स्व निधि योजनाÓ का लाभ उठाकर अपना जीवन ही बदल डाला। वे न केवल अब परिवार का भरण-पोषण ही कर रही हैं बल्कि बीमार पति का इलाज भी करवा रही हैं। 'प्रधानमंत्री स्व निधि योजनाÓ से दस हजार का लोन लेकर अर्चना ने गोल-गप्पे का ठेला लगाने का निश्चय किया। महंगाई के इस दौर में दस हजार की रकम से अर्चना कोई चमत्कार तो कर नहीं सकती थी। लेकिन छोटा लक्ष्य सामने रखकर अर्चना ने बड़ा काम कर दिखाया। दिनभर गोल-गप्पे बेचकर अर्चना प्रतिदिन 300 रुपए की बचत कर लेती है। जिससे बिखरा हुआ जीवन फिर से पटरी पर आ गया। अर्चना अब दिहाड़ी कामगारों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। इसके लिए अर्चना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करती हैं। अर्चना ने 'स्वदेशÓ टीम से बातचीत में कहा कि वे ज्यादा पढ़ी लिखी तो नहीं हैं, उन्हें आस-पड़ोस के लोगों से पता चला कि 'प्रधानमंत्री स्व निधि योजना कामगारों को लोन मुहैया कराती है। अर्चना ने ऋण की प्रक्रिया को पूरा किया और अंतत: उन्हें ऋण मिल भी गया। हाथ में पैसा आया तो दिमाग भी चल पड़ा। इस तरह अर्चना उम्मीद की उड़ान भरते हुए सपने को साकार कर दिखाया। देशबंदी से पहले पति सब्जी का ठेला लगाते थे। लेकिन महामारी ने उस छोटे से व्यवसाय को भी अपना ग्रास बना लिया। ऐसे टीबी जैसी बीमारी से जूझते पति के लिए परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया था।

मोदी जी को अपने हाथ से बने गोलगप्पे खिलाना चाहती हैं अर्चना

9 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात कार्यक्रम में अर्चना शर्मा से बात की थी। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने अर्चना से पूछा था कि वह ग्वालियर आएंगे तो क्या उन्हें गोलगप्पे खाने को मिलेंगे? तब से अर्चना प्रधानमंत्री के ग्वलियर आने की वाट जोह रही हैं। वे कहती हैं कि जब भी कभी प्रधानमंत्री मोदी ग्वालियर आएंगे तो वह उन्हें अपने हाथों से बने गोलगप्पे जरूर खिलाएंगी।

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