शासन-यूजीसी के दिशा-निर्देशों से गफलत में विवि एवं छात्र
अब यूजीसी ने परीक्षाएं कराने के जारी किए आदेश
ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संकट के बीच विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों की मुख्य/सेमेस्टर परीक्षाएं कराने को लेकर शासन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी आदेशों से विश्वविद्यालय एवं छात्र गफलत में आ गए हैं। एक तरह जहां शासन ने परीक्षाएं न कराकर जनरल प्रमोशन देने की बात कही थी, जिससे विवि एवं छात्र-छात्राएं स्वतंत्र हो गए थे। लेकिन अब यूजीसी ने सितम्बर में परीक्षाएं कराने की एडवायजरी जारी कर विवि एवं छात्रों को उलझन में डाल दिया है, क्योंकि विश्वविद्यालयों ने परीक्षाओं की तैयारी बंद कर दी थी। वहीं छात्र भी यह मानकर शांत बैठ गए थे कि अब उन्हें जनरल प्रमोशन मिल जाएगा इसलिए परीक्षाओं की तैयारी नहीं करनी पड़ेगी।
यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों से विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं, क्योंकि यदि परीक्षाएं होती हैं तो उन्हें अब नए सिरे से तैयारी करानी पड़ेगी। क्योंकि मुख्यमंत्री के जनरल प्रमोशन के ऐलान के बाद विवि शांत बैठ गए थे। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने यह जरूर स्वीकार किया है कि विवि एवं महाविद्यालय शासन के साथ-साथ यूजीसी के अधीन हैं। यूजीसी के दिशा-निर्देशों ही शैक्षणिक संस्थानों पर लागू होते हैं। इसलिए यूजीसी की एडवायजरी के बाद विश्वविद्यालयों ने अपने स्तर पर परीक्षाओं की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकािरयों ने भी कुलपतियों से राय लेनी शुरू कर दी है कि आगे क्या करना चाहिए। ज्ञात रहे कि विवि व महाविद्यालयों की परीक्षाएं पहले 29 जून से 31 जुलाई के बीच होनी थी। लेकिन मुख्यमंत्री के जनरल प्रमोशन की घोषणा के बाद इस पर विराम लग गया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया था जनरल प्रमोशन का ऐलान
मध्यप्रदेश में 22 जून से स्नातक-स्नात्कोत्तर की परीक्षा आयोजित कराने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई थीं लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने का फैसला लिया था। मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद स्नातक-स्नात्कोत्तर के अंतिम वर्ष/सेमेस्टर का पिछली परीक्षाओं के आधार पर परिणाम तैयार कराने की घोषणा की थी। अब यूजीसी की एडवायजरी है कि सितंबर में अंतिम वर्ष की परीक्षा कराई जाएं।
सितंबर में कराएं परीक्षा
यूजीसी ने सितंबर में अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने का आदेश जारी किया है। इसके लिए ऑफलाइन-ऑनलाइन या दोनों में से किसी एक फॉर्मेट को चुनना है। छह जुलाई को जारी की गई एडवाइजरी में यूजीसी ने आदेश दिए हैं कि सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को सितंबर के महीने में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करानी होंगी।
इनका कहना है-
परीक्षाओं के संबंध में राज्य शासन के नए दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। शासन के जो निर्देश होंगे उसी आधार पर विश्वविद्यालय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।
-प्रो. आनंद मिश्रा,कुलसचिव, जीवाजी विश्वविद्यालय