ग्वालियर। जिले के कंपू थाना प्रभारी को कानून को नजरअंदाज कर दतिया कोतवाली थाना प्रभारी की मदद करना भारी पड़ गया। इसके बाद कंपू थाना प्रभारी को जहां लाइन अटैच कर दिया गया। वहीं दतिया कोतवाली प्रभारी सस्पेंड हो गए।
दरअसल, 15-16 जनवरी को दतिया कोतवाली थाना प्रभारी रत्नेश यादव निजी कार्य से ग्वालियर आये थे। उन्होंने मुख्यालय छोड़ने की जानकारी किसी वरिष्ठ अधिकारी को नहीं दी। ग्वालियर आने के बाद कंपू थाना क्षेत्र में किसी बदमाश ने रत्नेश का मोबाइल फोन लूट लिया। इसके बाद उन्होंने बदमाश का पीछा कर उसे पकड़ कर मोबाइल बरामद कर लिया। इस घटना की जानकारी उन्होंने कंपू टीआई को दी लेकिन इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। बल्कि वह बदमाश को अपने साथ दतिया ले आये और यहां आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भिजवा दिया।
इस घटना का खुलासा आवेदक आशीष चतुर्वेदी की शिकायत से हुआ। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया की बेटे ने मोबाइल चुराया ही नहीं है। उसे जबरन फंसा दिया गया है। एक छोटी से बहस के बाद पहले मनोबाइल चोरी का आरोप बाद में दतिया ले जाकर आर्म्स एक्ट के झूठे केस में फंसा दिया है। आशीष की शिकायत के बाद जब मामले की छानबीन की गई तो घटना सही पाई गई। जिसके बाद तत्काल एक्शन लेते हुए दोनों टीआई के खिलाफ कार्यवाही की गई।
ये है नियम -
टीआई रत्नेश को नियम अनुसार कंपू थाने में शिकायत दर्ज करा आरोपी को कंपू पुलिस सौपना चाहिए था। लेकिन बिना बताये हेडक्वार्टर छोड़ने की अपनी गलती को छिपाने के लिए टीआई रत्नेश ने नियमों का उल्लंघन किया। यदि वह ग्वालियर में एफआईआर कराते तो उन्हें जवाब देना पड़ता की बिना बताये वह ग्वालियर क्यों गए थे। अपनी इस गलती को छिपाने के लिए वह आरोपी को दतिया ले गए और अलग जुर्म में आरोपी बना दिया।
दोनों टीआई को मिला दंड -
इस घटना का खुलासा होने के बाद ग्वालियर एसपी अमित सांघी ने घटना छिपाने के लिए कंपू थाना टीआई अनिता मिश्रा को लाइन अटैच कर दिया है। वहीँ एसपी दतिया ने बिना बताये हेडक्वार्टर छोड़ने एवं नियम उल्लंघन करने के आरोप में टीआई रत्नेश को सस्पेंड कर दिया है।
इस मामले में आशीष चतुर्वेदी पत्र एसपी ग्वालियर को पत्र लिख पुलिस द्वारा