सिंधिया की स्वागत रैली में ग्वालियर - चम्बल अंचल के सभी दिग्गज भाजपा नेता दिखे एक साथ

Update: 2021-09-22 18:47 GMT

ग्वालियर, 22 सितंबर। ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्री बनने के बाद पहली बार बुधवार से तीन दिन के ग्वालियर प्रवास पर आए हैं। निरावली तिराहे से बहोड़ापुर तक करीब 100 स्थानों पर सिंधिया का रथ रोक कर लोगों ने स्वागत किया। निरावली तिराहे से बहोड़ापुर तक करीब 100 स्थानों पर सिंधिया का रथ रोक कर लोगों ने स्वागत किया गया। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की।


अंचल के सभी दिग्गज दिखे एक साथ

मुरैना में राजघाट चंबल पुल पर स्वागत के बाद केंद्रीय मंत्री सिंधिया दोपहर बाद करीब 2:45 बजे ग्वालियर के स््रष्ठ्र द्वार पहुंचे। यहां इंदौर से आए विशेष रथ में सवार होने से पूर्व मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और भाजपा के जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी, पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता समेत अंचल व प्रदेश भर से आए पार्टी कार्यकर्ताओं ने सिंधिया का स्वागत किया। इस दौरान सभी दिग्गज नेता एक साथ दिखे। पुरानी छावनी चौराहे पर कलश लेकर खड़ी महिलाओं ने सिंधिया की आरती उतारी और उनके सम्मान में बधाई गीत भी गाए। पुरानी छावनी चौराहे पर कलश लेकर खड़ी महिलाओं ने सिंधिया की आरती उतारी और उनके सम्मान में बधाई गीत भी गाए।

सिंधिया के साथ रथ पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भिंड-दतिया सांसद संध्या राय, ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर समेत दर्जनों कार्यकर्ता सवार हुए। रथ पर सवार होकर सिंधिया का कारवां शहर में प्रवेश कर गया।

इन स्थानों से गुजरा सिंधिया का रोड़ शो-


सिंधिया निरावली चौराहे से शहर की सीमा में प्रवेश कर, पुरानी छावनी, मोतीझील, बहोड़ापुर चौराहा, जेल मार्ग, रामदास घाटी, शिंदे की छावनी, फूलबाग गुरुद्वारा, मोती तबेला, नदी द्वार, जयेन्द्रगंज, इंदरगंज चौराहा, पुराना हाईकोर्ट, ऊंट पुल, पाटनकर बाजार, दौलतगंज, महाराज बाड़ा पहुंचेंगे। सिंधिया के काफिले का स्वागत हाइवे से शहर तक 200 से ज्यादा स्थानों पर किया जा रहा है। रथ यात्रा का समापन सिंधिया राजवंश के गोरखी स्थित देवघर पर होगा। यहां सिंधिया कुलदेवताओं का आशीर्वाद लेने के बाद सूफी संत मंसूर अली शाह की दरगाह पर अकीदत पेश कर उनकी दुआएं भी लेंगे। उसके बाद गोरखी, सराफा बाजार, गश्त का ताजिया, राम मंदिर, फालका बाजार, छप्परवाला पुल, नदी द्वार होते हुए जयविलास पैलेसे पहुंचेंगे।

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