ग्वालियर जिला अस्पताल का विस्तार तो हुआ, लेकिन नहीं बढ़े पद
सिविल सर्जन ने पदों की स्वीकृति के लिए भोपाल भेजा पत्र
ग्वालियर। जिला अस्पताल मुरार में बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल का बिस्तार किया गया है। लेकिन पलंग क्षमता बढऩे के बाद भी अस्पताल में मानव संसाधन की पूर्ती नहीं की जा रही है। इसी के चलते अब सिविल सर्जन डॉ. आर.के. शर्मा द्वारा भोपाल पदों की स्वीकृति के लिए एक पत्र लिखा है।
दरअसल जिला अस्पताल में पूर्व में महज 200 पलंग ही थे। जबकि अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। जिस कारण मरीजों को कई बार पलंग तक नसीब नहीं हो पाते थे। इसी परेशानी को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मद से अस्पताल का उन्नयन व निर्माण कार्य किा गया है। निर्माण कार्य में नवीन ऑपरेशन थिएटर, वार्ड, प्राइवेट वार्ड, आईपीएचएल लैब, ओपीडी सहित अन्य विभाग शामिल हैं। इसके अलावा अस्पताल में अब पलंगों की क्षमता भी 450 हो गई है। लेकिन अस्पताल में अभी तक 450 पलंग के हिसाब से न तो चिकित्सक उपलब्ध कराए गए हैं और न ही स्टाफ। इतना ही नहीं अस्पताल में अभी भी सिर्फ 200 पलंगों के हिसाब से ही स्टाफ उपलब्ध है। जिस कारण अस्पताल को संचालित करने में अधिकारियों के अलावा चिकित्सकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण अस्पताल पूरी तरह चालू भी नहीं हो सका है। इसको लेकर अब सिविल सर्जन डॉ. शर्मा द्वारा संचालक (अस्पताल प्रशासन) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें को बढ़े हुए पलंग के हिसाब से प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी के पद स्वीकृत करते हुए पदस्थापना के लिए पत्र लिखा है।
400 पलंग के हिसाब इतने चिकित्सकों की जरूरत
विशेषज्ञ प्रवधानिक पद पूर्व से स्वीकृत पद अतिरिक्त मांग पद
चिकित्सा विशेषज्ञ चार दो दो
शल्य क्रिया विशेषज्ञ 02 01 01
स्त्री रोग विशेषज्ञ 04 03 01
शिशु रोग विशेषज्ञ 07 06 01
निश्चेतना 03 02 01
नेत्ररोग 02 01 01
रेडियोलॉजिस्ट 02 01 01
पैथोलॉजिस्ट 02 01 01
आर्थोपेडिक 02 01 01
ईएनटी 02 01 01
चिकित्सा अधिकारी 19 13 06
दन्त शल्य 03 01 02
नर्सिंग सिटर, स्टाफ नर्स, टेक्नीशियन सहित अन्य स्टाफ की भी जरूरत
400 पलंग के हिसाब से अस्पताल में अतिरिक्त एक उप प्रबंधक, 9 मैट्रेन, 4 नर्सिंग सिस्टर, एक नेत्र सहायक, 28 स्टाफ नर्स, तीन फार्मसिस्ट, 24 वार्ड वॉय, आठ ओटी अटेन्डेंट, सात दाई, पांच आया, चार डार्क रूम अस्टिेंट सहित अन्य स्टाफ की भी जरूरत है, जिसकी पूरी सूची भोपाल भेजी जा चुकी है।
पलंग भी नहीं हो सके नसीब
जिला अस्पताल का भले ही बिस्तार करते हुए कागजों में पलंगों की संख्या बढ़ा दी गई है। लेकिन अभी तक भोपाल से अस्पताल को पलंग तक नसीब नहीं हुए हैं। पलंग न मिलने के कारण वर्तमान में पुराने पलंगों से ही काम चलाया जा रहा है। इतना ही नहीं पलंग उपलब्ध कराने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा भोपाल वरिष्ठ अधिकारियों से मांग भी की गई है। लेकिन आज उद्घाटन के छह माह से अधिक होने के बाद भी पलंग तक नसीब नहीं हो सके हैं।