ग्वालियर निगमायुक्त ने अधिकारियों से कहा लापरवाही बर्दाश्त नहीं, अग्निशमन की व्यवस्थाओं की जांच करें

Update: 2024-04-25 00:15 GMT

ग्वालियर। संगम वाटिका और रंगमहल गार्डन में हुए अग्निकांड के बाद दो दिन पहले चार शहर के नाका पर तलघर की ख्ुादाई के दौरान एक वृद्ध की मौत हो गई थी। इन दो घटनाओं को देखते हुए बुधवार को निगमायुक्त के तेवर सख्त रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि शहर के प्रत्येक मैरिज गार्डन, होटल, अस्पताल, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, स्कूल, रेस्टोरेंट आदि में अग्निशमन की व्यवस्थाओं से लेकर अनुमति और पार्किंग व्यवस्था तक की जांच की जाए। यदि व्यवस्थाएं नहीं मिलती हैं, तो संचालक को नोटिस जारी कर सात दिन में इंतजाम करने के लिए कहा जाए।

बैठक में निगमायुक्त ने कहा कि शहर में भयप्रद भवनों की सूची बनाकर नोटिस जारी करें। इस पर भवन शाखा के अधिकारियों ने बताया कि शहर में 79 भयप्रद भवन चिह्नित किए गए हैं। इस पर निगमायुक्त ने निर्देश दिए कि जो चिह्नित भवन हैं, उन्हें खाली कराने के लिए संबंधित एसडीएम को पत्र लिखकर अवगत कराया जाए। उन्होंने मैरिज गार्डन और अस्पतालों के संबंध में सवाल किए। इस पर अधीनस्थों ने बताया कि शहर में लगभग 125 छोटे-बड़े मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं। लगभग इतनी ही संख्या में अस्पताल भी हैं। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि इनकी सटीक संख्या के साथ ही होटल, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सहित सभी इमारतों की जांच की जाए। इसके अलावा जहां भी तलघरों का उपयोग पार्किंग के लिए न होकर अवैध रूप से किसी अन्य कार्य के लिए कियाजा रहा है, उन पर भी कार्रवाई करें। बिना अनुमति कहीं भी तलघर का निर्माण न हो। बैठक में नगर निवेशक पवन सिंघल, सहायक नगर निवेशक प्रदीप जादौन, विधि अधिकारी अनूप लिटोरिया मौजूद थे।

एनओसी के लिए बनेगी संयुक्त टीम

बुधवार को निगमायुक्त ने फायर एनओसी के लिए विभिन्न विभागों की संयुक्त बैठक लेकर एक टीम बनाने के निर्देश दिए। बैठक में अपर आयुक्त मुनीष सिंह सिकरवार, नगर निवेशक पवन सिंघल, अधीक्षण यंत्री डॉ. अतिबल सिंह यादव, नोडल अधिकारी फायर केशव सिंह चौहान आदि मौजूद थे। बैठक में निगमायुक्त ने कहा कि किसी भी संस्थान की भवन अनुज्ञा और निर्माण अनुमति के समय फायर एनओसी एवं अन्य कार्रवाई पूर्ण की जाए? इन सभी विभागों की एक संयुक्त टीम बने, जो बड़े-बड़े संस्थानों में संयुक्त कार्रवाई कर फायर एनओसी एवं अन्य आवश्यक बिंदुओं पर जांच करें। यदि लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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