Gwalior : अमृत योजना पर बहाए जाएंगे 917 करोड़, पानी और सीवर पर 535 करोड़ होंगे खर्च

महापौर ने दूसरी बार निगम के वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट प्रस्तुत किया

Update: 2024-02-21 11:08 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। चुनावी वर्ष में मंगलवार को नगर निगम की महापौर डॉ शोभा सिकरवार ने शहर वासियों को सब्जबाग दिखाने वाला बजट पेश किया है। कांग्रेस की महापौर द्वारा पेश किए गए बजट में एक बार फिर नागरिकों की गाढ़ी कमाई को खर्च करने के लिए अमृत योजना फेस टू पर 917 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान दूसरी बार बजट में दिखाया गया है। जबकि नगर निगम की माली हालत पहले से ही खराब है। वैसे नगर निगम की पहले से चल रही अमृत योजना ने शहर को जो जख्म दिए हैं वह आज तक नहीं भर पाए हैं ।इसके बाद अमृत.02 योजना में एक बार फिर 917 करोड़, तो पानी और सीवर पर 535 करोड़ खर्च करने की तैयारी है।


जबकि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 171.74 करोड़, मार्गों पर स्ट्रीट लाइट व पोल लगाने के लिए 07 करोड़, 30 नए संजीवनी क्लीनिक बनवाने, लोकनिर्माण व उद्यानिकी विभाग 503 करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया गया है। जबकि चालू वर्ष का संपत्तिकर टारगेट 150 व जलकर 45 करोड़ वसूल न होने पर भी यथावत रखा गया है।

कांग्रेस की महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने दूसरी बार निगम के वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि निगमायुक्त हर्ष सिंह ने 18.70 अरब की आय बताकर 18.47 अरब के व्यय प्रस्ताव में 22.93 करोड़ का लाभ दिखाते हुए मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के सामने प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद एमआईसी ने नगर निगम के सभी विभागों के वित्तीय आय व्यय की स्थिति का आकलन कर चालू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए कुल बजट पूंजीगत तथा राजस्व मद में कुल 21,63,95,16,000 रुपए (इक्कीस अरब तिरेसठ करोड़ पिंच्यानवे लाख 16 हजार) की आय पर 21,38,72,69,000 (इक्कीस अरब अढ़तीस करोड़ बहात्तर लाख उन्हत्तर हजार) व्यय का प्रस्ताव तैयार किया। जिसमें स्वयं के स्रोतों से आय का 5 प्रतिशत 24,13,87,200 ( चौबीस करोड़ तेरह लाख सत्तासी हजार दो सौ रुपए) संचित निधि में रखने का प्रावधान कर शुद्ध लाभ 01,08,59,800 रुपए (एक करोड़ आठ लाख उनसठ हजार आठ सौ पचास रुपए) के लाख बजट में प्रस्तुत किया गया।

महापौर की मौलिक निधि 10 करोड़़, सभापति की 9 करोड़

प्रस्तुत बजट में आगामी वर्ष के लिए महापौर की मौलिक निधि 10 करोड़, तो सभापति की 9 करोड़ व 66 पार्षदों की निधि राशि एक एक करोड़ की गई है। जबकि शासन से नियुक्त होने वाले वरिष्ठ पार्षदों के लिए 5.40 करोड़ व वार्ड समिति निधि के रूप में 2.40 करोड़ के अलावा बीते वर्ष के मौलिक निधि कार्य रिवाइज करते हुए 31 करोड़ की राशि यानि कुल 123.80 करोड़ दिखाई गई है।

बजट की प्रति पढऩे के बाद, 27 को संशोधनों पर होगी बहस

निगम परिषद में बजट प्रस्तुत होने के बाद सभापति मनोज तोमर द्वारा सभी पार्षदों को बजट प्रति पढऩे के बाद 23 फरवरी तक संशोधन पत्र परिषद के सचिव को देने की तिथि निर्धारित की गई है। इसके बाद 27 को बजट संशोधनों पर बहस के लिए परिषद की बैठक होगी। हालांकि संशोधनों में एक प्रस्ताव निगम वित्त विभाग की ओर से भी प्रस्तुत होगा।

इन कार्यो के लिए बजट में रखा प्रावधान

- 57 संजीवनी क्लीनिक में से 27 संजीवनी क्लीनिक का निर्माण कार्य पूरा हो चुुका है। शेष 30 क्लीनिक का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूरा करने के लिए प्रावधान रखा गया है।

- मुख्यमंत्री शहरी अद्योसंरचना चतुर्थ चरण अंतर्गत शहर की 20 सडकों के निर्माण के लिए 25 करोड़

- वार्ड 62 बेहटा में बस स्टेण्ड निर्माण

- 15वें वित्त आयोग से कम से कम 10 किलोमीटर डस्ट फ्री सडक़ निर्माण

- पार्क विभाग द्वारा ग्वालियर पूर्व विधानसभा, ग्वालियर दक्षिण विधानसभा एवं ग्वालियर विधानसभा अंतर्गत 2-2 नवीन बड़े पार्क विकसित कर 2 वर्षीय संधारण कार्य ठेका प्रथा के माध्यम से कराया जाना प्रस्तावित है।

- सौंदर्यीकरण के लिए पूर्ण विकसित पार्को में म्यूजिकल/ऑरनामेंटल फाउण्टेन

- नवीन ओपन जिम एवं बच्चों के मनोरंजन के लिए खेल उपकरण

30 वर्ष की लीज देेकर इनसे होगी आय

- पुनर्निर्मित हुजरात मार्केट में स्थित 54 दुकानों को 30 वर्ष की लीज पर आवंटित करने से लगभग 6 करोड़ रूपए की आय

- ढोली बुआ पुल स्थित नव-निर्मित कॉम्पलेक्स में बनी 18 दुकानों एवं 3 आवासीय प्रकोष्ठों को 30 वर्ष की लीज पर आवंटन से लगभग 3 करोड़ रूपए की आय -बारादरी चौराहा मुरार निगम मार्केट के प्रथम तल पर स्थित हॉल को लीज पर आवंटन किये जाने से लगभग 4.25 करोड़ रूपए की आय

- गालव विश्रांतिगृह की दरों में वृद्धि से आगामी वित्तीय वर्ष में 35 लाख की आय

- विभिन्न स्थानों पर स्थित रिक्त लगभग 96 दुकानों के आवंटन से 8 करोड़ की आय

- सिनेमाघरों की दरों में वृद्धि करने से आगामी वित्तीय वर्ष में 30 लाख की आय होना संभावित है।

- 30 पार्किंग स्थलों के ठेके दिये जाने से 1 करोड़ की आय

नगर निगम ने किया भारी भरकम बजट पेश : बजट में अधिकांश योजनाएं पुरानी, कई अमल में ही नहीं आई

विभागवार रखे गए बजट का प्रावधान

- सामान्य प्रशासन विभाग - 28.31 करोड़

- जलकार्य विभाग 319.06 करोड़

- लोकनिर्माण व उद्यानिकी विभाग 503 करोड़

- राजस्व विभाग 29 करोड़

- वित्त एवं लेखा 311 करोड़

- विद्युत एवं यात्रिकी विभाग 94.78 करोड़

- स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन 171.74 करोड़

- यातायात एवं परिवहन विभाग के लिए 2.77 करोड़

- योजना एवं सूचना प्रोद्योगिकी विभाग के लिए 632 करोड़

- शहरी गरीबी उपशमन विभाग 40.70 करोड़

खाली है निगम का खजाना

चुनावी साल में शहरवासियों को नगर निगम के बजट से बड़ी सौगात मिलने की आशा थी, लेकिन निगम के खाली खजाने के साथ लोक लुभावन बजट पेश करने की राह आसान नहीं दिखी। निगम की आय का मुख्य स्रोत राजस्व वसूली है, जिसमें हर बार की तरह बसर बार अमला फिसड्डी साबित हुआ है। वित्तीय वर्ष पूरा होने को अंतिम एक माह बचा है, अब तक निगम का राजस्व अमला सौ करोड़ की भी वसूली नहीं कर सका है। राज्य सरकार का खजाना भी खाली है।

रोचक अंदाज में पेश किया बजट

ग्वालियर में नगर सरकार का बजट 57 साल बाद कांग्रेस की महापौर बनी डॉ. शोभा सिकरवार ने रोचक अंदाज में पेश किया है। नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब होने और प्रदेश सरकार से पैसा नहीं मिलने पर महापौर पहले ही अपनी शासकीय वाहन का त्याग कर चुकी हैं। यही कारण है कि मंगलवार दोपहर वह ई-रिक्शा (टमटम) में सवार होकर सत्र 2024-25 का बजट पेश करने के लिए पहुंची हैं। 

डॉ शोभा सतीश सिकरवार, महापौर ने कहा की -

शहर की आवश्यकताओं और शहरवासियों की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया गया है। बजट से शहर का विकास होगा। 

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