खराब वित्तीय स्थिति का रोना रोने वाले पार्षद लैपटॉप और मोबाइल को लेकर दिखे एकजुट
महापौर की जगह नेताप्रतिपक्ष ने आभार व्यक्त किया, बजट में विपक्षी पार्षदों के 28 संशोधन पर चर्चा पूरी
ग्वालियर। एक तरफ खराब वित्तीय का पार्षद रोना रो रहे है कि नगर निगम की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में निगम के फजूल खर्चो पर रोक लगाई जाएं। लेकिन बुधवार को जब लैपटॉप और मोबाइल को लेकर चर्चा हुई तो सभी पार्षद एकजुट नजर आए। इस दौरान किसी भी पार्षद ने निगम की वित्तीय स्थिति के बारे में नहीं सोचा। पार्षद सिर्फ अपने बारे में सोचते दिखाई दिए। उधर महापौर की जगह नेताप्रतिपक्ष आभार व्यक्त करते नजर आए।
महापौर डा. शोभा सिकरवार द्वारा परिषद में प्रस्तुत किए गए 2163 करोड़ रुपए के बजट में विपक्षी पार्षदों ने कुल 28 संशोधन लगाए थे, जिनमें से 15 संशोधनों पर गत मंगलवार को चर्चा हो गई थी। बाकी बचे 13 संशोधन प्रस्तावों पर बुधवार को चर्चा शुरू की गई। बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से संबंधित संशोधन की समर्थक पार्षद अपर्णा पाटिल ने कहा कि नगर निगम में कंप्यूटर-लैपटाप खरीद के लिए तीन करोड़ रुपए का बजट निर्धारित है। पार्षदों को अगर कोई पत्र लिखना होता है तो दुकानों पर जाना पड़ता है, ऐसे में सभी पार्षदों को लैपटॉप दिए जाएं। यह बात सुन पार्षद ममता तिवारी ने कहा कि सिम तो मिल गई है लेकिन मोबाइल अभी तक नहीं मिले है।
नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने कहा कि इस मद में 50 लाख रुपए की बढ़ोतरी कर दी जाए, जिससे महापौर व पार्षदों को लैपटाप और मोबाइल मिल सकें और उन्हें निगम के कार्यों के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। इस पर सभापति ने इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर लैपटाप-स्मार्टफोन क्रय करने के निर्देश दिए। चर्चा के दौरान 13 में से पांच प्रस्ताव स्वीकृत किए गए, जबकि बाकी को संशोधन करने के निर्देश के साथ निरस्त कर दिया गया।
निगम की स्थिति ठीक नहीं है तो अधिकारी वाहन क्यों नहीं छोड़ रहे
बिंदु क्रमांक 17 के ईधन व पेट्रोल-डीजल को लेकर पार्षद गिर्राज कंसाना ने संशोधनन लगाया था। उन्होंने कहा कि सुबह से शाम तक पार्षद क्षेत्र में घूमते है, लेकिन अधिकारी क्षेत्र में जाकर काम क्यों नहीं करते। उन्होंने कहा कि जब निगम की वित्तीय स्थिति ठठीक नहीं है तो अधिकारी वाहन क्यों नहीं छोड़़ते। नए बजट में बढ़ाकर 30 करोड़ रुपए जो प्रस्तावित है उसे 28 करोड़़ किया जाए। बाद में एमआईसी सदस्य अवधेश कौरव ने कहा कि आने वाले दिनों में वाहनों की संख्या बढ़़ेगी। ऐसे में डीजल व पेट्रोल की खपत बढ़ऩा तय है। सभी की बात सुनने के बाद सभापति मनोज तोमर ने पिछले वर्ष की भांति ही 28 करोड़ का बजट रखने के निर्देश दिए।
ग्रामीण क्षेत्र के पार्षद बोले प्रवेश द्वार पर ही अंधेरा
ग्रामीण क्षेत्र के वार्ड 60 से 66 वार्डो में सबसे ज्यादा समस्या है, प्रवेश द्वारों पर अंधेरा रहता है। सीवर खुले में बह रही है। 10 वर्ष हो गए, लेकिन किसी भी समस्या का कोई निराकरण नहीं हो रहा है। यह बात ग्रामीण क्षेत्र के पार्षद मनोज यादव व उमा शिव सिंह यादव ने कही। उन्होंने कहा कि मूलभूत सुुविधाओं के 40 प्रतिशत राशि आरक्षित की जाए। बाद में प्रभारी आयुुक्त आरके श्रीवास्तव ने भी माना कि ग्रामीण वार्डो में विकास की जरुतत है। इस पर सभापति ने निर्देश दिए कि इन वार्डों में मूलभूत सुविधाओं के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। अमृत 2.0 में छूटे हिस्से को 15वें वित्त आयोग की राशि से कवर कर 15 दिन में सदन को सूचित किया जाए।
बजट में त्रुटियों पर बार-बार सफाई देते रहे प्रभारी आयुक्त
विपक्ष द्वारा लगाए गए संशोधन प्रस्ताव पर प्रभारी आयुक्त बार-बार सफाई देते नजर आए। क्योंकि बजट में कई त्रुटियां थी, जिस पर अपर आयुुक्त वित्त रजनी शुुक्ला प्रभारी आयुुक्त को बार-बार जाकर जानकारी देेती नजर आई।
मौलिक निधि जनकार्य विभाग में
महापौर-सभापति-पार्षदों की मौलिक निधि यथावत रहने पर शेष राशि को जनकार्य विभाग में देने पर सभापति मनोज तोमर ने स्वीकृति दी।
सभापति की नाराजगी के बाद भी समय पर नहीं पहुंचे पार्षद
बैठक में समय पर आने के लिए सभापति मनोज तोमर ने कई बार पार्षदों को समय पर आने के लिए निर्देशित किया, लेकिन उसके बाद भी अधिकत्तर बैठकों में पार्षद समय पर नहीं आते जिसके चलते कोरम के अभाव में बैठक को स्थगित करना पड़़ता है।
सभी कर्मचारी अब ड्रेस कोड में रहेंगे
बैठक के दौरान एक कर्मचारी सदन के अंदर पार्षद को चाबी देने पहुंच गया। जिससे नाराज सभापति ने बैठक को दो मिनट स्थगित कर कर्मचारी से पूछताछ की। कर्मचारी ने बताया कि वह आउटसोर्स का कर्मचारी है व नया आया है। बाद में निर्णय लिया गया कि अब निगम के सभी कर्मचारी ड्रेस कोर्ड में नजर आएंगे।
बोलने को लेकर उलझे पार्षद
बिंदु क्रमांक 17 पर संंशोधन प्रस्ताव गिर्राज कंसाना ने लगाया था। उन्होंने अपनी बात रखने के बाद पार्षद विनोद यादव वाहनों को लेकर चर्चा कर रहे थे। तभी कंसाना ने कहा कि सभी लोग कम शब्दों में अपनी बात रखे। जिस पर पार्षद मोहित जाट ने कहा कि सब अपना हुनर दिखा रहे है, मैं तो ठोक के बोलूंगा।