534 करोड़ से बदलनी है ग्वालियर स्टेशन की तस्वीर, लेकिन सीवर का का नहीं हो रहा निराकरण
महाप्रबंधक के जाते ही पूूरे सर्कुलेटिंंग एरिया में भरा सीवर का गंदा पानी
ग्वालियर। एक ओर 534 करोड़ से रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है। इसके लिए तेजी से काम भी किया जा रहा है, लेेकिन स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में बहने वाले सीवर की समस्या का कोई भी निराकरण नहीं हो पा रहा है। बीते रोज महाप्रबंधक ने स्टेशन का निरीक्षण भी किया था। उस दौरान सीवर के पानी को बहने से जैसे तैसे रोका गया। लेकिन उनके जाते ही मंगलवार को सुबह से ही प्लेटफार्म क्रमांक एक के बाहर सीवर का गंदा पानी बहने लगा। रेलवे स्टेशन परिसर में खुले सीवर की बदबू से यात्री परेशान है। लेकिन उनकी इस परेशानी की तरफ ध्यान देने वाला कोई नहीं है। रेलवे स्टेशन पर सुलभ शौचालय के की स्थिति खराब है। जिसकी बदबू प्लेटफार्म तक फैली हुई है। लेकिन सफाई व्यवस्था पर किसी का ध्यान नहीं है। हालांकि जब झांसी से अधिकारी आते हैं तो व्यवस्थाएं चाक चौबंद हो जाती है और उनके जाते ही अव्यवस्थाओं का दौर शुरू हो जाता है। हाल ही में मंडल रेेल प्रबंधक ने खुले सीवर को दुरस्त कराने के निर्देश दिए थे, इसके बाद भी स्थानीय अधिकारियों ने मंडल रेल प्रबंधक दीपक सिन्हा के निर्देश पर संज्ञान नहीं लिया है।
आए दिन चौक हो जाते है चेम्बर
यह समस्या झांसी मंडल मुख्यालय की जानकारी में भी है। लेकिन अब तक सीवर लाइन की सफाई नहीं हुई। ग्वालियर में यात्रियों की संख्या झांसी स्टेशन से अधिक है। स्टेशन की सीवर लाइन डेढ़ वर्ष से चोक है। बारिश के समय सीवर का पानी सडक़ पर आ जाता है।
जिम्मेदार भी सिर्फ देखते रहे, लेकिन कुछ नहीं हुआ
ऐसा नहीं है कि स्थानीय अधिकारियों को सीवर का पानी बहता हुआ नहीं मिला हो। हालत यह बने कि सीवर का पानी पार्किंग तक में जा पहुंचा। इस दौरान स्थानीय अधिकारी भी यहां से गुजरते, लेकिन किसी ने सफाई करने की बात नहीं कही।