राजनीतिक गतिविधियों पर उच्च न्यायालय ने लगाई फटकार, न्याय मित्रों की समिति गठित

Update: 2020-09-21 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के कारण राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद रविवार को अंतरिम आदेश जारी किया है। जिसमें उपचुनाव के मद्देनजर हो रही राजनीतिक रैलियों में कोरोना गाइड-लाइन के उल्लंघन पर नेताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि आप कितने भी बड़े हों, मगर कानून आपसे बड़ा है। उच्च न्यायालय ने तीन वकीलों को न्यायमित्र नियुक्त करने के साथ ग्वालियर के जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए हैं। उनसे 28 सितंबर तक जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने शुक्रवार को ग्वालियर में राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। इसी तारतम्य में रविवार को अंतरिम आदेश जारी किया गया।

उच्च न्यायालय ने कहा है कि यह निर्विवाद है कि कोरोना की महामारी तेजी से फैल रही है। केंद्र या राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर गाइड-लाइन भी जारी की है। याचिकाकर्ता के वकील ने कई फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए हैं। इस पर न्यायालय ने कहा कि बिना समुचित साक्ष्य के इन फोटोग्राफ को कनेक्ट नहीं किया जा सकता है, लेकिन यदि यह फोटोग्राफ अभी की राजनीतिक गतिविधियों के हैं तो राजनेता व प्रशासनिक अधिकारी जो भी हैं, वह गैर जिम्मेदाराना तरीके से काम कर रहे हैं। आम आदमी, राजनेता एवं राज्य के मुखिया को भी कानून का सम्मान करना आवश्यक है। उच्च न्यायालय ने आदेश दिए हैं कि आगामी सुनवाई तक राजनीतिक व्यक्ति और प्रशासनिक अधिकारी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्ण रूप से पालन करेंगे। जिलाधीश इसका पालन सुनिश्चित कराएंगे। गाइड-लाइन की अवहेलना पर रिपोर्ट देंगे। न्याय मित्र तीन वकीलों संजय द्विवेदी, राजू शर्मा और वीडी शर्मा को बनाया है। इनका काम शहर में राजनीतिक गतिविधि या अन्य किसी आयोजन में कोरोना गाइड-लाइन की अवहेलना होने पर अदालत के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के माध्यम से उच्च न्यायालय को अवगत कराना है। यह याचिका आशीष प्रताप सिंह द्वारा लगाई गई है। 

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