ग्वालियर में राजनीतिक दलों के बीच होर्डिंग वार, कांग्रेस बैनर-पोस्टर लगाने में सबसे आगे
कांग्रेस 40 प्रतिशत, भाजपा 35 प्रतिशत, आप 15 प्रतिशत, अन्य 10 प्रतिशत
ग्वालियर, न.सं.। नगरीय निकाय चुनाव में बुधवार को नाम वापसी के बाद से चुनावी रंग और अधिक गहरा होने लगा है। हर पार्टी अपनी जीत के लिए प्रयास कर रही है। शहर में जगह-जगह होर्डिंग और फ्लेक्श लगना शुरू हो गए हैं। नगरीय निकाय चुनाव में अपनी जीत के लिए और विरोधियों को परास्त करने के लिए कांग्रेस पार्टी होर्डिंग लगवाने में प्रथम स्थान पर है। इनके प्रत्याशियों द्वारा शहर के वार्डों मेें जमकर होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी दूसरे स्थान पर, आप तृतीय स्थान पर और अन्य चौथे स्थान पर हैं।
नगरीय निकाय में 66 वार्डों के चुनाव छह जुलाई को होना है। आज से इस चुनाव के लिए लगभग 12 दिन शेष बचे हुए हैं। चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों ने अपने विरोधियों को हराने के लिए अपनी-अपनी ताकत झोंकना शुरू कर दी है। मतदाताओं को साधते हुए हर वार्ड में होर्डिंग लगाने का काम शुरू हो गया है। इस चुनाव में सबसे बड़ी टक्कर कांग्रेस और भाजपा में है। कांग्रेस सत्ता में आने के लिए सबसे अधिक होर्डिंग लगवा रही है। वहीं भाजपा, आप और अन्य का प्रतिशत कांग्रेस की अपेक्षा कम है।
किसका कितना प्रतिशत:-
इस चुनाव में होर्डिंग लगाने के मामले में कांग्रेस का 40 प्रतिशत, भाजपा 35 प्रतिशत, आप 15 प्रतिशत और अन्य का 10 प्रतिशत है। इनके द्वारा मतदाताओं को रिझाने के लिए जगह-जगह होर्डिंग और फ्लेक्श आदि लगाए जा रहे हैं।
कारीगरों को मिल रहा है रोजगार:-
सात वर्ष के बाद चुनाव होने के कारण होर्डिंग, फ्लेक्श, पेमप्लेट बनाने और लगाने वालों को बाजार में अच्छा रोजगार मिल रहा है। पार्टियों द्वारा आए ऑर्डर को दिन रात काम करके पूरा किया जा रहा है। नाम वापसी उपरांत गुरुवार से ऑर्डर आने की संख्या और अधिक बढ़ सकती है।
इनका कहना है:-
'जिन प्रत्याशियों के नाम निश्चित थे उनके ऑर्डर तो भरपूर आ चुके हैं और उन्हें काफी हद तक पूरा कर दिया है। नाम वापसी के बाद से गुरुवार से और अधिक आर्डर आने की संभावना है। हर पार्टी के प्रत्याशी अपनी पसंद के साइज अनुसार ऑर्डर दे रहे हैं। '
चन्द्रेश रामाणी
होर्डिंग व्यापारी
'जब से प्रत्याशियों के नाम निश्चित हुए हैं तब से होर्डिंग आदि के खूब ऑर्डर आ रहे हैं। इनको तैयार करने के लिए कारीगर भी अधिक लगाने पड़ रहे हैं। '
यूनिस मुगल
कारीगर