ग्वालियर में अनाज व्यापारियों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल, बंद रहेंगी अनाज मंडियां
मध्यप्रदेश के अनाज मंडी में व्यापारियों ने 4 सितंबर से अनिश्चितकालीन के लिए हड़ताल कर दी है। वहीं ग्वालियर की दीनापुर अनाज मंडी में अनाज व्यापारी भी हड़ताल पर हैं।
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के अनाज मंडी में व्यापारियों ने 4 सितंबर से अनिश्चितकालीन के लिए हड़ताल कर दी है। वहीं ग्वालियर की दीनापुर अनाज मंडी में अनाज व्यापारी भी हड़ताल पर हैं। सोमवार से पूरे प्रदेश भर में लगभग 230 अनाज मंडियों में लगभग 26 हजार अनाज व्यापारियों ने कोई कार्य करने से मना कर दिया है । इसमें ग्वालियर के नारायण विहार कॉलोनी गोला का मंदिर स्थित दीनापुर अनाज मंडी में भी व्यापारी हड़ताल पर रहे। हड़ताल का किसानों को पहले से पता था इसलिए सोमवार को अनाज मंडी में किसान कम संख्या में पहुंचे।
अनाज व्यापारी मंडी टैक्स कम करने सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गए हैं। व्यापारियों ने बताया कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती हैं तो अनिश्चितकाल के लिए मंडी बंद रहेंगी। इस समय फसल बोना का काम चल रहा है और किसानों को काफी परेशानी हो रही है।
मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन, तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के आव्हान पर प्रदेश भर के अनाज व्यापारियों ने सोमवार से मंडियों में खरीदी का काम बंद कर दिया है। अनाज व्यवसायी मंडी शुल्क डेढ फीसदी से घटाकर एक फीसदी करने की मांग कर रहे। साथ ही निराश्रित शुल्क खत्म करने की मांग कर रहे हैं। अब प्रदेश सहित ग्वालियर के अनाज व्यापारियों ने कुल 11 मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसका व्यापक असर अनाज मंडियों में आने वाले किसानों और व्यापारियों पर पड़ेगा।
मंडी बंद से व्यापार पर असर-
कृषि उपज मंडी बंद होने से ग्वालियर सहित आसपास डबरा, भितरवार की अन्य मंडियों में करोड़ों रुपए का व्यापार प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों को कहना है जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं होता, मंडियों को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखा जाएगा। किसी भी तरह की खरीदी नहीं की जाएगी। ग्वालियर के अलावा आसपास के शहरों जैसे भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी व श्योपुर में भी व्यापारी संघ की हड़ताल का व्यापक असर देखा जा रहा है। यहां की कृषि उपज मंडी पूरी तरह से सुनसान है और व्यापार ठप्प पड़ा है।
मंडी बोर्ड के अधिकारी-
मंडी सचिव कदम सिंह का कहना है कि अनाज व्यापारियों ने पहले ही हड़ताल की चेतावनी दे दी थी। जिस कारण किसानों को हड़ताल के बारे में सूचना दे दी गई थी। इसलिए सोमवार को परेशानी नहीं हुई है।
इन 11 मांगों को लेकर हड़ताल -
-मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संरचना आवंटन नियम-2009 लागू नहीं किया जाए।
-कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नॉमिनल दरें रखी जाए।
-मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए।
-निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए।
-मंडी अधिनियम की धारा 19(2), धारा 19(8), धारा 46(ड) एवं धारा 46(च) में संशोधन-2 विलोपन किया जाए।
-लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए।
-वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस 25 हजार रुपए की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपए बहाल की जाए।
-मंडी समितियों को धारा 17(2)(14) और 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखा जाए।
-लेखा सत्यापन/पुन: लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म की जाए।
-कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दवाब पर रोक लगाई जाए।
-धारा 23 के अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाई जाए।