ग्वालियर। अंचल का सबसे बड़ा जयारोग्य चिकित्सालय समूह इन दिनों मरीजों को बेेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की जगह कमाई का जरिया बनता जा रहा है। अस्पताल परिसर में जगह-जगह कुकर मुत्तों की तरह अवैध रूप से सांची मिल्क पार्लर के अलावा कैंटीन संचालित की जा रही है। जहां जमकर नशीले पदार्थों की बिक्री भी हो रही है। साथ ही अस्पताल में दिन-रात असमाजिक तत्वों का जमावड़ा बना रहता है। उसके बाद भी जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा। यही कारण है कि गत दिवस बाहरी व्यक्तियों के साथ जूनियर चिकित्सकों का झगड़ा भी हुआ।
दरअसल अस्पताल परिसर में छात्रावास के पास, ट्रामा सेन्टर के सामने, कमलाराजा अस्पताल के पास मिल्क पार्लर व कैंटीन खोल दी गई है। उक्त मिल्क पार्लर व कैंटीन पर तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी आदि नशे का सामान खुलेआम बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं कैंटीन व मिल्क पार्लर की आड़ में लोगों को सिगरेट पीने की जगह भी मुहैया कराई जा रही है। यह सब कुछ अस्पताल में खुलेआम बेचा जा रहा है। साथ ही कैंटीन व मिल्क पार्लर पर खुलेआम लोग सिगरेट का धुंआ भी उड़ाते नजर आते हैं। जबकि उक्त कैंटीन व मिल्क पार्लर के सामने से दिनभर में तमाम चिकित्सक व अस्पताल प्रबंधन से जुड़े जिम्मेदारों का गुजरना होता है। उसके बाद भी कैंटीन व मिल्क पार्लरों पर कार्रवाई के नाम पर सभी मौन साधे हुए हैं। यही कारण है कि गत दिवस जूनिरयर चिकित्सकों का बाहरी व्यक्तियों के साथ झगड़ा हुआ।
शर्तों में केवल इतना ही शामिल
सांची बूथ पार्लर की शर्तों के अनुसार संचालक केवल सांची के उत्पादों को बेच सकता है। इसके अलावा पार्लर पर ब्रेड सहित कुछ अन्य खानपान की पैक सामग्री को बेच सकते हैं। लेकिन अस्पताल परिसर के अंदर बने पार्लर के भीतर नशीले पदार्थों के अलावा गोली, बिस्किट, नमकीन, मिठाई से लेकर सब कुछ बेचा जा रहा है। पार्लर संचालक सीधे तौर पर अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं।
फोटो कॉपी मशीन भी कर रहे संचालित
मिल्व पार्लर व कैंटीन पर नशे के पदार्थों के बेचने के अलावा फोटो कॉपी की मशीनें भी रखी हुई हैं। इतना ही नहीं मरीज के परिजन जब कुछ दस्तावेजों की फोटो कॉपी कराने पहुंचते हैं तो उनसे बाजार से अधिक दाम भी वसूले जाते हैं।
पेटी पर संचालित हो रही कैंटीन
अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिन लोगों को कैंटीन व सांची मिल्क पार्लर संचालन का ठेका दिया गया है। उन्होंने भी अधिक दामों पर दूसरों को पेटी पर कैंटीन व मिल्क पार्लर संचालित करने के लिए थमा दिया है। जबकि नियम अनुसार अगर खुद संचालक कैंटीन व मिल्क पार्लर का संचालन नहीं करता तो यह नियम विरूद्ध है।
सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह धवस्त
जयारोग्य चिकित्सालय परिसर के अधिकांश विभाग हजार बिस्तर के अस्पताल में शिफ्ट होने के बाद ही परिसर खाली हो गया है। जिस कारण रात होते ही अस्पताल परिसर में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। अस्पताल परिसर में रात के समय शराब खोरी तो होती ही है, साथ ही जुआ भी खेला जाता है। उसके बाद भी सुरक्षाकर्मियों को यह असमाजिक तत्व दिखाई नहीं देते।
पार्किंग पर भी उठ रहे सवाल
अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पार्किंग में आरएफआईडी सिस्टम लगाया गया था, जो लम्बे समय से बंद पड़ हुआ है। ऐसे में अस्पताल परिसर में कौन से वाहन कब प्रवेश कर रहा है, इसकी कोई जानकारी भी नहीं रहती।
जूड़ा भी जा सकता है हड़ताल पर
अस्पताल की बिगड़ी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जूनियर चिकित्सक भी परेशान है। जूनियर चिकित्सकों का कहना है कि चिकित्सक दिन रात ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। इसके अलावा अस्पताल परिसर में जूनियर चिकित्सकों के छात्रावास भी बने हुए हैं। लेकिन उसके बाद भी सुरक्षा व्यवस्था कुछ नहीं है। अगर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं हुई तो जूड़ा हड़ताल पर जाने का मजबूर होगा।
पुलिस चौकी भी नहीं हो सकी स्थापित
अस्पताल परिसर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज व उनके परिजन आते हैं। इसको लेकर गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन की ओर से अस्पताल परिसर में चौकी स्थापित करने की मांग सम्भागायुक्त से रखी थी। सम्भागायुक्त ने भी चौकी स्थापित कर पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन आज दिन तक अस्पताल को पुलिसकर्मी नहीं मिल सके।
जिस मिल्क पार्लर पर झगड़ा हुआ था, उसे निरस्त कर दिया गया है। साथ ही अगर अन्य कैंटीन व मिल्क पार्लर पर नशीले पदार्था बेचे जा रहे हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अक्षय निगम
अधिष्ठाता, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय