ग्वालियर, न.सं.। नवीन लोहा मण्डी के लिए पूरे चार करोड़ रुपए जमा होने के बाद भी जगह नहीं मिलने पर लोहा व्यवसाई संघ ने सोमवार को विरोध स्वरूप सरकार के लिए बाजारों में थालियां बजाकर अपना रोष व्यक्त किया। व्यापारियों ने कहा कि शासन 2005 के कोर्ट के आर्डर को भी नहीं मान रहा है। जिस आर्डर के आधार पर 2007 में एक करोड़ 69 लाख रुपए जमीन के लिए जमा करवाए गए थे। फिर जीडीए (ग्वालियर विकास प्राधिकरण) द्वारा जमीन विकसित करने की पूरी राशि 2 करोड़ 30 लाख रुपए ले ली गई। उसमे उनका सर्विस शुल्क भी था। जब लोहामंडी की जगह विकसित हो गई तब जीडीए और प्रशासन ने नए नियम बताने शुरू कर दिए। पूर्व में कभी भी उन नियमो को नहीं बताया गया। वही आधी जमीन पर तथाकथित किसान रूपी भू-माफिया से सांठगांठ कर ली और उसने सुप्रीम कोर्ट तक अपना दावा सिद्ध किया। सरकार में बैठे तत्कालीन अधिकारियों, राजनेताओ ने भूमाफिया से सांठगांठ कर लोहा मंडी की जमीन को हाथ से जाने दिया।
अविवादित जमीन को भी प्रशासन के अधिकारी देना नहीं चाहते हैं इसलिए गलत पैसे मांगे जा रहे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किए गए दो कैबिनेट के निर्णय के बावजूद लोहा व्यापारियों को जगह नहीं मिल पा रही है। व्यापारियों ने कहा कि अंधी बहरी सरकार को नींद से जगाने के लिए शहर और प्रदेश का व्यापारी वर्ग एकजुट है। थाली बजाओ आंदोलन में ग्वालियर लोहा व्यवसाई संघ के अध्यक्ष संजय कट्ठल, उपाध्यक्ष संजय जैन, सचिव निर्मल जैन, अंकेक्षक गोविंद मंगल, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल, नरेंद्र छिरोलया एवं अशोक अग्रवाल आदि व्यापारी उपस्थित थे। मंगलवार को लोहा व्यापारी 14 वर्ष की संघर्ष गाथा की प्रदर्शनी लगाएंगे जिसमे सरकार के झूठे वादे और अभी तक किए गए कार्यो की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।