ग्वालियर। कृषि सुधार विधेयकों को लेकर चंद किसान संगठनों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को वामपंथियों एवं विपक्षी दलों ने पूरी तरह अपने कब्जे में कर लिया है। देश में जहर घोलने की विचारधारा रखने वाले लोग आंदोलन में शामिल हो गए है। यह बातें पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया ने कही है। वे सोमवार को कृषि विधेयकों को लेकर रेस्ट हाऊस पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. योगेशपाल गुप्ता, जिला मीडिया प्रभारी नीरज सिंह भदौरिया मौजूद थे।
पवैया ने कहा कि केन्द्र की एनडीए सरकार किसान हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। आंदोलन कर रहे किसानों से संवाद करने के लिए सरकार ने अपने दरवाजे खुले रखे है। सीएए, एनआरसी के विरोध में हुुए शाहीन बाग आंदोलन की तरह टुकड़े-टुकड़े गैंग से जुड़े लोगों द्वारा किसान आंदोलन की दुर्दशा की जा रही है। ऐसे लोग आंदोलन में शामिल होकर सरकार से संवाद के लिए किसानों को आगे नहीं आने दे रहें है। कृषि सुधार विधेयकों के नाम पर देशभर में भ्रांतियां फैलाई जा रही है।
सरकार ने कृषि कानून लेकर क्रांतिकारी कदम उठाया -
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में हर क्षेत्र में सुधार हुए। लेकिन कृषि के क्षेत्र में अब तक सरकारों ने सुधार के प्रयास नहीं किए थे।नरेन्द्र मोदी सरकार ने कृषि को उन्नत और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए कृषि सुधार विधेयक लाकर क्रांतिकारी कदम उठाए है। नए कानूनों के आने से किसान अपनी उपज को कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। एमएसपी बरकरार रहने की बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस में सार्वजनिक रूप से बोल चुके है। इसके बाद भी सरकार लिखित आश्वासन देने को तैयार है।
प्रदेश के किसान भ्रमित नहीं -
पवैया ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसान भ्रमित नहीं हो रहे हैं। कृषि सुधार बिलों के आने से कॉन्टेक्ट फॉर्मिंग के जरिए किसानों को उनकी उपज का एमएसपी से अधिक मूल्य हासिल हो सकेगा। प्रदेश सरकार के कार्यों को गिनाते हुए पवैया ने कहा कि शिवराज सरकार ने कृषि मण्डियो को स्मार्ट बनाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। मण्डी टैक्स को 2 रूपये से घटाकर 50 पैसे कर किसानों को राहत देने का कार्य सरकार ने किया है।