50 करोड़ के गहनों से राधा-कृष्ण का श्रृंगार होगा या नहीं संशय
भीड़ न हो इसलिए कराए जा सकते हैं ऑनलाइन दर्शन
ग्वालियर, न.सं.। इस बार कोरोना महामारी के कारण जन्माष्टमी पर मंदिरों में भीड़ न हो इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। शहर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में भी जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिर में इस दिन श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ न हो इसके लिए नगर निगम ऑनलाइन दर्शन कराने पर विचार कर रहा है। इस बार गोपाल मंदिर में 50 करोड़ के बेशकीमती गहनों से राधा कृष्ण का श्रृंगार होगा या नहीं, इसको लेकर संशय बना हुआ है। नगर निगम कोषालय से गहनों को निकालने के बारे में जिला प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा कर इस पर निर्णय लेगा।
यह हैं 50 करोड़ 11 लाख के जेवरात
- राधाकृष्ण का सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार, जिसकी कीमत लगभग छह लाख रुपए है।
- सात लढ़ी हार, जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने लगे हैं। इसकी कीमत सन 2007 में लगभग 10 से 12 लाख रुपए आंकी गई थी।
- कृष्ण भगवान सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट पहनेंगे, जिनकी कीमत लगभग 50 लाख रुपए है।
- राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट, जिसमें पुखराज और माणिक जणित के पंख हैं तथा बीच में पन्ना लगा है। तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग तीन करोड़ आंकी गई है।
- राधा रानी के मुकुट में लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 16 लाख आंकी गई है।
- राधाकृष्ण के श्रृंगार के लिए लगभग साढ़े 15 लाख रुपए के जेवरात उपलब्ध हैं। जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूडिय़ां, कड़े इत्यादि हैं।
- भगवान के भोजन के लिए प्राचीन सोने, चांदी के बर्तनों की कीमत लगभग 50 लाख रुपए हैं।
- साथ ही भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्रियां भी हैं जिन्हें दर्शनों के लिए रखा जाता है।
इनका कहना है
जन्माष्टमी पर गोपाल मंदिर खुलेगा। गहनों से श्रृंगार और दर्शन को लेकर संभागीय आयुक्त से चर्चा की जाएगी। ऑनलाइन दर्शन को लेकर विचार चल रहा है।
-संदीप माकिन, आयुक्त, नगर निगम