सजावटी थाली से होगा चांद का दीदार

पति के नाम की मेंहदी के साथ टैटू बनवाने का चढ़ा रंग -

Update: 2020-11-02 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। महिलाओं के पसंदीदा त्यौहार करवाचौथ को अब दो दिन ही शेष बचे हुए हैं। साज श्रंगार में कोई कमी न रह जाए, इसके लिए वे हर रोज बाजार में खरीदारी कर रहीं हैं। जिसके चलते करवाचौथ के अंतिम रविवार को बाजारों में महिलाओं की जबरदस्त भीड़ रही। भीड़भाड़ के चलते बाजारों में इन दिनों जाम के हालात बने रहे। रविवार को महाराज बाड़ा क्षेत्र में कदम रखना तक दूभर हो रहा था। इस दिन किसी ने साड़ी खरीदी तो किसी ने पूजा का सामान खरीदा, तो किसी ने मेहंदी लगवाई तो कोई ब्यूटीपार्लर पर सजता-संवरता रहा। वहीं महिलाएं इस बार अपने पति के नाम पर टेटू भी अपने हाथों पर गुदवा रही हैं।

शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा स्थित सुभाष मार्केट में चूडिय़ों की दुकान पर नए-नए डिजायन के चूडिय़ां सजी हुई हंै। चूड़ी विक्रेताओं ने बताया कि बाजार में पचास रुपए से दो हजार रुपए तक की चूडिय़ां उपलब्ध हैं। इसमें सबसे अधिक मांग कंगनों की है। सुहाग की निशानी मंगलसूत्र और बिछुओं की महिलांए खूब खरीदारी कर रही हंै। साथ ही नए गहने भी खरीद रही हैं।

पार्लरों पर एडवांस बुकिंग:-

इस समय कोरोना काल का भी समय चल रहा है। ऐसे में एतिहात बरतना भी जरूरी है। कोरोना से बचाव के लिए ब्यूटी पार्लरों पर एडवासं बुकिंग चल रही है। महिलाओं द्वारा अपने आप को सजाने एवं संवारने के लिए 200 रुपए से 5 हजार रुपए तक खर्च किए जा रहे हैं। इस पैकेज में मेनीक्योर, पेडीक्योर, हेयर कटिंग फेशियल आदि शामिल हैं। इसके अलावा मेहंदी रचाने के लिए भी बाजारों में जगह-जगह दुकानें लगी हुई हैं। दुकानदार हाथों में मेंहदी लगाने के 50 से 200 रुपए तक ले रहे हैं।

बाजारों में रही जाम की स्थिति:-

करवाचौथ की खरीदारी के लिए बाजारों में लोगों जबरदस्त भीड़ हो रही है। अधिक भीड़ के कारण रविवार के दिन जगह-जगह जाम की स्थिति बनती रही। इस दौरान लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

मीठे और रंगीन करवे अधिक बिके:-

करवाचौथ पर करवों का विशेष महत्व होता है। इन्हीं करवों से चांद को जल दिया जाता है। अत: रविवार के दिन महिलाओं ने मीठे, रंगीन और डिजाइनदार करवों की अधिक खरीदारी की। इसके साथ सींक व करवाचौथ का कलेंडर भी खरीदे गए।

सास बहू के रिश्ते को मजबूत बनाएगी करवा चौथ की सरगी:-

आगामी चार नवंबर को मनाए जाने वाले करवाचौथ पर्व के लिए बाजारों में महिलाएं खरीदारी कर अपने पसंद के जेवर व साडिय़ां ले रही हैं। वहीं सासू मां का सरगी (आशीर्वाद) तैयार करने के लिए सामानों की खरीददारी की जा रही है। बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि करवाचौथ पति-पत्नी के साथ-साथ बहू के रिश्तो को भी मजबूत करता है। सास बहू को सरगी के रूप में मिठाइयां फल तथा श्रंगार का सामान देती हैं तो इससे आपस में प्यार व आदर की भावना पनपती है।

13 घण्टे 22 मिनट का होगा करवा चौथ का व्रत:-

ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार सुख सौभाग्य और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं करवा चौथ पर लगभग 13 घंटे 22 मिनट तक निर्जला व्रत रखेंगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी के दिन 4 नवंबर को सुबह सूर्योदय से लेकर रात 8.27 बजे तक करवाचौथ का व्रत रखना होगा। कार्तिक मास चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 4 नवंबर को सुबह 3.24 पर हो रहा है। वहीं चतुर्थी का समापन 5 नवंबर को प्रात: 5.14 पर होगा ऐसे में करवाचौथ का व्रत 4 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन चंद्रोदय का समय 8.12 बजे पर है। चंद्रमा के उदय होने के साथ ही व्रत रखने वाली महिलाएं चंद्रमा को जल समर्पित कर व्रत को पूर्ण करेंगे

सास का आशीर्वाद है सरगी:-

करवाचौथ व्रत के दिन सुबह के समय सास अपनी बहू को सरगी देती है। यह एक तरह से उनका आशीर्वाद ही होता है। सरगी की थाली सास-बहू के लिए तैयार करती है ताकि वह व्रत पूरा कर सके। सरगी थाली में मिठाइयां, सिमैया, सूखे मेवा, नारियल, फल साड़ी व ज्वेलरी दिया जाता है। 

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