हाईकोर्ट का अनोखा आदेश, जिला अस्पताल में एलईडी लगवाओं, जो चीनी ना हो

Update: 2020-07-04 10:03 GMT

ग्वालियर। गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच सीमा पर उभरे गतिरोध के बाद देश भर में चीनी सामान की खरीददारी को लेकर विरोध हो रहा है। मप्र के ग्वालियर उच्च न्यायलय की खंडपीठ ने भी इस मुहीम में भागीदारी देते हुए एक अनोखा फैसला दिया है। उच्च न्यायलय ने आरोपियों को जमानत पाने के लिए समाज सेवा करने को कहा है। हत्या के आरोप में जमानत के लिए दायर याचिका पर जमानत देने के लिए शर्त रखीं की रेनबेसरा या जिला अस्पताल में उन्हें एलइडी टीवी लगानी होगी। लेकिन टीवी भारत या अन्य किसी देश का निर्मित तो हो सकता है, लेकिन चीन का बना नहीं होना चाहिए। 

दरअसल,  दतिया जिले बड़ौनी थाने में अरविंद पटेल और कमलेश पाल के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था।  दोनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले में शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए जस्टिस शील नागू ने आदेश जारी करते हुए कहा की दोनों याचिकाकर्ताओं को रेनबसेरा या जिला अस्पताल में रंगीन एलईडी टीवी लगना होगी। जिसकी कीमत 25 हजार रूपए से कम नहीं होना चाहिए। एलईडी लगाने के बाद उसकी तस्वीर भी न्यायलय को भेजनी होगी।  इसके बाद ही उनकी जमानत याचिका मंजूर होगी।  

बता दें की 18 फरवरी को बड़ौनी थाना क्षेत्र के गांव औरीना में आरोपी अरविंद पटेल और कमलेश पाल ने बृजेश पाल के साथ मारपीट करके उसके पैर में गोली मार दी थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मारपीट और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। 20 फरवरी को आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 


 



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