ग्वालियर में 09 मार्च से होगा तीन दिन का लिटरेचर फेस्टिवल: महिला बाल विकास के मंच पर वामपंथी और आन्दोलनजीवियों का जमावड़ा…

Update: 2025-03-06 08:13 GMT

अजय खेमरिया: मध्यप्रदेश का महिला बाल विकास विभाग अब लिटरेचर फेस्टिवल भी आयोजित करने लगा है।09 मार्च से तीन दिन का यह आयोजन बिटिया उत्सव की आड़ में होने जा रहा है।

खर्चा भारत सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और मातृ वंदन योजना के अलावा यूनिसेफ से मिलकर किया जाएगा।आश्चर्यजनक बात यह है भी है कि इस लिटरेचर फेस्टिवल में विभाग की मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया को बुलाया ही नही गया और न उन्हें इस आयोजन की कोई जानकारी है।

कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसमें आयोजित होने वाले 19 अलग अलग सत्रों में ऐसे वक्ता और विशेषज्ञों को बुलाया गया है जो घोषित रूप से वामपंथी या कांग्रेसी है।कोई भी ऐसा वक्ता या कलाकार आमंत्रित नही है जो राष्ट्रीय विचारधारा से जुड़ा हो। इस कार्यक्रम के आयोजक भोपाल में पदस्थ संयुक्त संचालक सुरेश तोमर हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणीयों के मामले में निलंबित हो चुके हैं।

यूनिसेफ, यूएनएफपीए, मप्र पर्यटन बोर्ड के अलावा दो एनजीओ रागिनी फाउंडेशन एवं एका को भी इस लिटरेचर फेस्टिवल में आधिकारिक रूप से जोड़ा गया है। यूनिसेफ के मप्र प्रमुख लोली चेन जोसेफ लगातार प्रधानमंत्री के साथ भाजपा के विरुद्ध सोशल मिडिया पर सक्रिय रहते हैं। एका फाउंडेशन भी आन्दोलजीवियो की जमात का हिस्सा है। यह पूरा आयोजन विशुद्ध रूप से सरकार विरोधी इकोसिस्टम का जमावड़ा है और विभाग के अधिकारियों ने इसे सरकारी आयोजन बनाकर विचारधारा का खेल खेल दिया है।

पोस्टर पर न सीएम न मंत्री

विभाग के जेडी सुरेश तोमर ने इस आयोजन का जो पोस्टर और शिड्यूल जारी किया है उसमें न मुख्यमंत्री का फोटो है न विभागीय मंत्री का। स्वदेश ने विभागीय मंत्री निर्मला भूरिया से इस संबधमें बात की तो उन्होंने ग्वालियर लिटरेचर फेस्टिवल के किसी भी आयोजन की जानकारी से अनभिज्ञता जताई। जाहिर है आला अधिकारियों ने मंत्री को इस आयोजन की जानकारी देना भी उचित नही समझा है। फेस्टिवल के शुभारंभ या समापन के लिए ग्वालियर से संबद्ध मंत्रियों और सांसद,विधायकों से हमने बात की तो पता चला कि किसी को भी कार्यक्रम में अभी तक बुलाया नही गया है।

विशुद्ध वामपंथी चेहरे करेंगे विमर्श

फेस्टिवल में मीडिया और महिला विमर्श के पैनल में नीरजा चौधरी को बुलाया गया है जिनकी किताब हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड किताब पर विवाद हो चुका है।इसी पैनल में राजेश बादल भी है जो खुलेआम मोदी सरकार की खिलाफत के लिए जाने जाते हैं। इनके अलावा ब्रजेश राजपूत और शेफाली पांडे के अलावा आयोजकों को कोई भी अन्य पत्रकार इस विमर्श के लिए नजर नही आया।

संविधान और महिलाएं संवाद के लिए भोपाल के एक्टिविस्ट सचिन कुमार जैन सीपीआर से जुड़ी कांक्षी अग्रवाल को बुलाया गया है। सचिन जैन भी सरकार विरोधी एनजीओ संचालक हैं।

कहानी पाठ के लिए उन संजीव चंदन को चुना गया है जो असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा के खिलाफ खुलेआम सोशल मिडिया पर लिखते हैं। प्रयागराज कुंभ का लगातार मजाक उड़ा रहीं अणुशक्ति सिंह ,अशोक वाजपेयी की साथी तसनीम खान,जैसे कहानीकार मप्र सरकार के मंच पर कहानीपाठ करने वाले हैं।

प्रोपेगैंडा पोर्टल सत्यहिन्दी से जुड़े पत्रकार अरविंद मोहन को गांधी और स्त्री पुरुष समानता विमर्श के लिए आमंत्रित किया गया है।

पूर्व आईएएस मनोहर अगनानी प्रशासन में महिलाओं की उपस्थिति पर विमर्श की शुरुआत करेंगे अगनानी की किताब की प्रस्तावना भगोड़े पूर्व आईएएस और सोनिया गांधी के खास हर्ष मन्दर ने लिखी है। इसी सत्र में महिला बाल विकास की मौजूदा कमिश्नर सूफिया फारुखी वली भी रहने वाली हैं।

एलजीबीटी औऱ फिल्मों में बिषेली मर्दानगी जैसे सत्र भी है जिन पर चांद सरवर, बॉबी बीबी,इश्तियाक खान,यूनुस खान,जैसे वक्ताओं को बुलाया गया है। युवा राजनीति में महिलाओं के विमर्श के लिए कांग्रेस नेत्री और पर्वतारोही मेघा परमार,कांग्रेस से जुड़ी मुस्कान राजपूत और कामरेड मिताली शुक्ल का पैनल विभाग ने बनाया है।

ग्रामीण विकास और महिलाओं के सत्र में राजस्थान के सोडा की सरपंच और पुरानी कांग्रेसी नेता छवि राजावत, हरियाणा के सुनील जागलान को बुलाया गया है।

भोपाल में यूनिसेफ के साथ काम करने वाला एनजीओ एका फाउंडेशन मूलतः आन्दोलनजीवियों के इकोसिस्टम का हिस्सा है वह इस आयोजन का आधिकारिक पार्टनर है।

ग्वालियर में ही आयोजन क्यों?

इस आयोजन के कर्ताधर्ता संयुक्त संचालक सुरेश तोमर है जो मुख्यालय भोपाल में पदस्थ है लेकिन विभाग के आला अफसर उन पर इस कदर मेहरबान है कि उन्हें बार बार ग्वालियर में यह आयोजन करने की जिम्मेदारी दे दी जाती है। जबकि यहाँ विभाग के मैदानी संयुक्त संचालक सीमा शर्मा पदस्थ है।

भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ नितेश शर्मा ने आरोप लगाया कि सुरेश तोमर अपने वामपंथी मित्रों को सरकारी बैनर पर मंच उपलब्ध कराने का काम बर्षों से कर रहे हैं।इस कार्यक्रम के बहाने मोदी सरकार की खिलाफत करने वालों को मंच दिया जा रहा।

पिछले आयोजन में हुआ था विवाद

इस महोत्सव में स्वरा भास्कर जैसे विवादित लोगों को भी सुरेश तोमर बुला चुके हैं।स्वरा ने इसी मंच से सेना और सुरक्षाबलों के विरुद्ध बातें कही थी।

क्या कमिश्नर की सहमति है…!

महिला बाल विकास के मंच पर आमंत्रित इन वक्ताओं को क्या विभाग की कमिश्नर सूफिया फारुखी वली ने अनुमति दी है? इस बाबत हमने उन्हें मोबाइल पर कई बार संपर्क का प्रयास किया लेकिन उन्होंने कोई जबाब नही दिया।

मुझे कोई जानकारी नही: मंत्री

हमने इस कार्यक्रम के ब्रोशर मुख्यमंत्री, मंत्री की गैर मौजूदगी पर मंत्री निर्मला भूरिया से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें न तो इसकी जानकारी है न ही उनके पास इस आशय की कोई फाइल आई है। उन्होंने तत्काल मामले की जानकारी लेने की बात कही। 

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