अहाते बंद होने से लगभग 10 हजार सुरा प्रेमी सडक़ों पर छलकाएंगे जाम

नई आबकारी नीति में जिले के 66 से अधिक अहाते होंगे बंद

Update: 2023-02-21 00:30 GMT

ग्वालियर,न.सं.। शराब पर प्रदेश में लगातार सियासत चल रही है और पूर्व मुख्यमंत्री सहित अन्य लोग शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। ऐसे में बीते रोज हुई कैबिनेट में सरकार ने शराब के अहाते बंद करने का फैसला लिया है। इसके चलते ग्वालियर जिले के 66 से अधिक आहतें अब बंद हो जाएंगे। बात शहर की की जाए तो आबकारी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 66 अहाते शराब पीने के स्थान बने हुए हैं। इनमें कई तो शहर के बीचों बीच ऐसे स्थानों पर है जहां महिलाओं एवं बालिकाओं की आवाजाही रहती है। इनमें काजल टॉकीज, फूलबाग के रास्ते पर, द्वारकाधीश मंदिर के पास और अन्य कई स्थानों पर यह शराब पीने के स्थान दुकानों के पास ही बने हुए हैं। यहां शाम होते ही भारी भीड़ लग जाती है और बड़ी संख्या में शराबी और गुंडे टाइप के लोग यहां शराब पीते हैं और धमाल मचाते हैं।

अक्सर इन स्थानों पर झगड़े और मारपीट भी होती रहती है, जिससे शहर की शांति प्रभावित होती है। इन्हीं सब बातों और शराब का विरोध देखते हुए सरकार ने नई आबकारी नीति में अहातों को बंद करने का फैसला किया है। लेकिन इन अहातों के बंद होने से अब लगभग 10 हजार सुरा प्रेमी सडक़ों पर जाम छलकाएंगे।

शराब की बिक्री पर पड़ेगा असर

प्रदेश के 2611 तो ग्वालियर जिले के इसी में शामिल करीब 66 से अधिक शराब के अहाते बंद हो जाएंगे, वहीं नई आबकारी नीति में अब धार्मिक स्थल, स्कूल, कॉलेज आदि से 50 मीटर की दूरी के स्थान पर 100 मीटर की दूरी पर शराब की दुकान को अनुमति दी जाएगी। इस नए नियम से ग्वालियर में कई शराब दुकानें प्रभावित होंगी, वहीं आबकारी विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इससे शराब की बिक्री पर भी असर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि शहर में तो धार्मिक स्थल और अस्पताल के पास में ही शराब की दुकानें खुली हुई हैं। 50 मीटर का ही पहले पालन नहीं किया जाता है तो 100 मीटर का पालन किस प्रकार होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

66 अहातों में लगभग 10 हजार आदमी पीते शराब

20 साल पहले शुरू की गई अहाता नीति की बात करें तो शहर के अहातों में लगभग रोज 10 हजार आदमी यहां पर बैठकर शराब पीते है। लेकिन इनके बंद होने से यह लोग अब सडक़ों पर जाम छलकाएंगे, इससे माहौल और बिगड़ सकता है।हालांकि इससे शहर के तमाम नेताओं, उनके पों और कई असामाजिक तत्वों की तगड़ी कमाई मारी जाएगी। सभी शराब ठेकेदारों पर नेतओं द्वारा दबाव बनाए जाते रहे कि उनके पों को अहातों के संचालन का जिम्मा सौंपा जाए। ग्वालियर में ही अधिकांश अहाते नेताओं केया गुंडे-बदमाश चला रहे हैं, जो चुनाव से लेकर अन्य मदद भी करते हैं, क्योंकि अहातों से तगड़ी लाखों रुपए की कमाई होती है, जो अब अब अहातों के साथ ही बंद हो जाएगी।

100 मीटर के दायरे में प्रदेश की लगभग 2700 दुकानों

धार्मिक स्थल, स्कूल, कॉलेज आदि से 50 मीटर की दूरी के स्थान पर 100 मीटर की दूरी पर शराब की दुकान को अनुमति दी जाएगी। इसमें प्रदेश की 2700 दुकानें प्रभावित होंगी। शहर की बात करें तो नया बाजार में खुली दुकान कमलाराज अस्पताल व केआरजी कॉलेज की परिधि में आती है। ऐसे में यह दुकान यहां से हटाई जाएगी।

अहाते बंद होने से बार संचालकों को होगा फायदा

  • -अहाते बंद होने से बार संचालकों को सीधे तौर पर बार संचालकों को फायदा होगा।
  • -अगर किसी को बैठकर शराब पीना है तो उसे बार में ही जाना पड़ेगा और वहीं से ही शराब लेनी पड़़ेगी।
  • -अहाते में ठेके से शराब लेकर व्यक्ति बैठ सकता है और उसे चखना भी सस्ते दामों में मिलता है।
  • -बार में चखना सबसे महंगा होता है। जिसमें सोड़ा, पानी, पापड़ आदि के दाम बाजार की कीमतों से दोगुने होते है।


इनका कहना है

अहातों के बंद होने से शराब बिक्री पर 20 से 25 प्रतिशत का फर्क पड़ेगा। साथ ही करोड़ो रूपए के राजस्व का नुकसान भी सरकार को होगा। अभी लोग अहातों में शराब पीकर घर चले जाते है। लेकिन इनके बंद होने से शहर के माहौल भी बिगड़ेगा। ऐसा नहीं हो कि आने वाले दिनों में ग्वालियर उड़ता पंजाब न बन जाए।

लल्ला शिवहरे

शराब कारोबारी

सरकार न जो शराब की पॉलिसी बनाई है ह स्वागत योग्य कदम है। लेकिन अहाते बंद होने से काफी लोग बेरोजगार भी होंगे। जगह जगह अहाते खुलने से शैक्षिणक संस्थाओं पर बुरा असर पड़ रहा था। सरकार यह कदम बिल्कल ठीक है।

हेमंत गुप्ता

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