शहर में आज निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, देवशयनी ग्यारस के साथ मनी ईद

Update: 2022-07-10 07:46 GMT

ग्वालियर, न.सं.। शहर में आज रविवार को तीन धार्मिक पर्वों का आयोजन किया जाएगा। शहर में कुलैथ की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ की पहली बार रथ यात्रा निकाली जाएगी। इसके साथ ही आज देवशयनी ग्यारस पर भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीर सागर में शयन के लिए चले जाएंगे। वहीं ेंईद-उल-अजहा का पर्व श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाएगा।

बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा होंगे रथ में विराजमान:-

अंतरराष्ट्रीय कृष्णाभावनामृत (इस्कॉन)के तत्वावधान में शहर में पहली बार 10 जुलाई रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा आयोजन समिति के संयोजक देवेन्द्र प्रताप सिंह तोमर ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि यह रथ यात्रा रविवार को दोपहर 1.30 बजे चेम्बर ऑफ कॉमर्स से शुरू होगी। इस रथ यात्रा में भगवान बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा को एक ही रथ में विराजमान किया जाएगा। रथ यात्रा को भक्तों द्वारा हाथों से खींचा जाएगा। रथ यात्रा से पहले 12 बजे सुमधुर कीर्तन व विग्रह पूजा और दोपहर एक बजे विशेष पूजन किया जाएगा। रथ यात्रा इंदरगंज, दालबाजार, नया बाजार, लोहिया बाजार, दौलतगंज, महाराज बाड़ा, सराफा, नई सडक़, हनुमान चौराहा होते हुए छत्री मण्डी स्थित देववन गार्डन पर संपन्न होगी। यहां पर प्रसाद का वितरण भी किया जाएगा। रथ यात्रा जिन स्थानों से गुजरेगी वहां पर भव्य स्वागत भी किया जाएगा। रथ यात्रा में स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा कि सडक़ों पर किसी भी प्रकार की कोई गंदगी ना हो। उन्होंने बताया कि रथ यात्रा में मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित इस्कॉन मध्यप्रदेश जोनल के सचिव प्राणेश्वर प्रभू तथा महामन प्रभु आदि उपस्थित रहेंगे।

भगवान विष्णु आज से चार माह तक करेंगे विश्राम:-

देवशयनी एकादशी आज मनाई जाएगी। आज से चार माह तक भगवान विष्णु क्षीर सागर में जाकर विश्राम करेंगे। देवशयनी एकादशी के दिन श्री सनातन धर्म मंदिर में शयन के लिए भगवान चक्रधर के लिए रात्रि 8 बजे शयन शैया सजाई जाएगी। इस मौके पर भगवान का विशेष श्रंगार भी किया जाएगा। वरिष्ठ ज्योर्तिवद साजन शुक्ला ने बताया कि भविष्योत्तर पुराण के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन से ही भगवान विष्णु 4 माह (अधिक मास होने पर 5 माह) के लिए शयन काल में चले जाते हैं। इसे पदमा एकादशी, आषाढी एकादशी और हरी शयनी एकादशी भी कहते हैं। चार माह की निद्रा के पश्चात भगवान विष्णु देवोत्थान एकादशी कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन जागते हैं। यही कारण है कि इन 4 माह में कोई शुभ कार्य जैसे मुंडन, सगाई, विवाह इत्यादि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यह 4 माह ही चातुर्मास कहलाते हैं। इस वर्ष देवशयनी एकादशी 9 जुलाई शनिवार को दोपहर 4.34 से प्रारंभ होकर 10 जुलाई रविवार को दोपहर 2.09 तक रहेगी। अत: वैष्णव व स्मार्त दोनों ही 10 जुलाई को एकादशी व्रत रखेंगे।

पूजन विधि:- ज्योतिर्विद ने बताया कि इस दिन उपवास कर भगवान विष्णु की मूर्ति अथवा छायाचित्र को सिंहासन पर विराजमान कर यथाशक्ति समारोह पूर्वक पूजन करें। रात्रि के समय इस मंत्र से प्रार्थना कर शयन करावे। सुप्ते त्वयी जगन्नाथे जगत सुप्तम भवेदीदम। विबुद्धे च विभुद्धयेत प्रसन्नो में भवाव्यय।। इन 4 माह में असत्य भाषण, हरी सब्जी, बैंगन, मूली एवं हरी भाजी का परित्याग करना चाहिए। इन 4 माह में अभीष्ट प्राप्ति हेतु पदार्थ विशिष्ट का परित्याग किया जाता है। जैसे मधुर स्वर के लिए गुड़, दीर्घायु व पुत्र पौत्र आदि के लिए तेल, शत्रु नाश हेतु कड़वा तेल, सौभाग्य प्राप्ति हेतु मीठा तेल का परित्याग किया जाता है। इसी प्रकार स्वास्थ्य व सुंदरता के लिए नियमित पंचगव्य, वंश वृद्धि हेतु दूध का सेवन किया जाता है। मान्यता के अनुसार इन 4 माह में सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं।

शहर की 62 मस्जिद और ईदगाह में आज पढ़ी जाएगी नमाज:-

शहर में ईद-उल-अजहा (बकर ईद) आज रविवार दस जुलाई को मनाई जाएगी। शहर काजी अब्दुल अजीज कादरी ने बताया कि शहर की 62 मस्जिद और ईदगाहों में सुबह 7.15 से 9 बजे तक नमाज पढ़ी जाएगी। गर्मी को देखते हुए शहर की मस्जिदों में ठण्डा शीतल जल का इंतजाम भी किया गया है।

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