ग्वालियर में निजी नर्सिंग होम संचालकों पर बङी कार्रवाई

CMHO ने 22 निजी नर्सिंग होम के पंजीयन किये निरस्त

Update: 2023-04-09 05:52 GMT

ग्वालियर। निजी नर्सिंग होम संचालकों को पंजीयन की समय अवधि खत्म होने के बाद भी पंजीयन नवीनीकरण न कराना भारी पड़ गया। सीएमएचओ ने पंजीयन नवीनीकरण न कराए जाने पर उनके पंजीयन निरस्त कर दिए हैं। साथ ही संबंधित अस्पतालों को नोटिस भी जारी किए हैं।

सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने बताया कि जिले में 18 ऐसे निजी नर्सिंग होम हैं  जिन्हें 31 मार्च तक अपना पंजीयन नवीनीकरण कराना था, लेकिन कई बार चेतावनी देने के बाद भी जब नर्सिंग होम संचालकों द्वारा नवीनीकरण नहीं कराया गया तो उसके पंजीयन निरस्त कर दिए गए हैं। इसी तरह 4 नर्सिंग होम जिन्होंने फायर एनओसी व अन्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए, उनके भी पंजीयन निरस्त कर दिए। पंजीयन निरस्त संबंधित नोटिस भी संबंधित नर्सिंग होम संचालकों को थमा दिए हैं। नोटिस में उन्होंने स्पष्ट किया है कि नर्सिंग होम अस्पताल का संचालन बंद कर दें ,मरीजों की भर्ती न करते हुए पुराने मरीजों को समुचित उपचार उपलब्ध कराकर डिस्चार्ज अथवा निकटतम शासकीय अस्पताल में भर्ती कराकर इस कार्यालय को सूचित करें।

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इनके नहीं हुए थे पंजीयन नवीनीकरण

आकाश अस्पताल, आयुष अस्पताल, सेंट्रल अस्पताल, जे.एस. मेमोरियल अस्पताल, दिव्या अस्पताल, जीवन ज्योति अस्पताल, कालरा अस्पताल, लिंक आर्टेमिस हार्ट सेंटर यूनिट आर्टेमिस कार्डियक केयर प्राइवेट लिमिटेड, मुस्कान मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, न्यू भारत अस्पताल, न्यू सेंट्रल अस्पताल, न्यू आर.डी. अस्पताल, न्यू सरस्वती अस्पताल, पैराडाइज अस्पताल, पृथ्वी अस्पताल रन बाय श्री विशंभर किरार शिक्षा प्रसार समिति, आर.पी. प्रधान मेमोरियल अस्पताल रन बाय चिकित्सा सेवा समिति, श्री पार्थ नेत्रालय एंड लेजर सेंटर रन बाय श्री पार्थ नेत्र फाउंडेशन, स्वास्तिक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल रन बाय स्वास्तिक फाउंडेशन सोशल वेलफेयर सोसाइटी।

इन्होंने नहीं दिए दस्तावेज

जिन 4 नर्सिंग होम संचालकों ने फायर एनओसी एवं अन्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं, उसमें डीएनए अस्पताल, दीपांजलि नर्सिंग होम, ए.एम. अस्पताल यूनिट रन बाय स्व. रहीम स्वास्थ्य सेवा समिति, स्वर्गीय गिरिजा देवी धर्मार्थ अस्पताल शामिल हैं, एवं इसके अलावा इनमें नर्सिंग महाविद्यालयों के भी अस्पताल शामिल हैं।  उनमें कुछ अस्पताल निजी नर्सिंग महाविद्यालयों से संबद्ध हैं। इसके अलावा कुछ अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने खुद ही अपना अस्पताल बंद करने के लिए कहा था।

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