ग्वालियर, न.सं.। मलमास 18 सितंबर से आरंभ हो रहा है और 16 अक्टूबर को समाप्त होगा। 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का पर्व आरंभ हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. रवि शर्मा ने बताया कि मलमास को अधिक मास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मलमास में किसी भी शुभ और नए कार्य को नहीं करना चाहिए। मलमास में पूजा-पाठ, व्रत, उपासना, दान और साधना को सर्वोत्तम माना गया है। इस समय में भगवान का ध्यान करना चहिए जिससे कई गुणा शुभ पुण्य प्राप्त होता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मलमास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।