ग्वालियर में अध्ययनरत लगभग 150 मणिपुरी छात्र परेशान, परिवारजनों से नहीं मंगा पा रहे पैसे
- मणिपुर में हिंसा कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हो रही है। इस समुदाय के छात्र देश के विभिन्न राज्यों के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं। 3 मई शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही हर दिन नई-नई घटनाएं सामने आ रही हैं।
- चेतना राठौर
ग्वालियर। मणिपुर हिंसा का असर सिर्फ मणिपुर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में नजर आ रहा है। दिल्ली, भोपाल, ग्वालियर जैसे बड़े राज्यों और जिलों में इसका प्रभाव अब छात्रों के बीच देखने को मिलने लगा है। मणिपुर में हिंसा कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हो रही है। इस समुदाय के छात्र देश के विभिन्न राज्यों के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं। 3 मई से शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही हर दिन नई-नई घटनाएं होती ही जा रही है। जिसकी वजह से विद्यार्थियों की चिंता दिन-पर- दिन बढ़ती जा रही हैं। जहाँ हर दिन विद्यार्थियों की अपने पेरेंट्स से बात होती थी आज विडियों कॉल पर एक दूसरे की शक्कल देखने को तरस गए हैं।
छात्रों की बडी मुश्किलें-
ऐसे में विद्यार्थी कई समय से अपने घर से दूर हैं। और अपने परिवारजनों से बात भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में वह उनके साथ जाना चाहते हैं। लेकिन मध्यम परिवार के होने की वजह से वह हवाई जहाज की यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं।
उत्तरपूर्वी छात्रों में रहता है डर-
ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी, एलएनआईपीई,आईटीएम, एमिटी यूनिवर्सिटी में छात्र पढाई करने मणिपुर से हर साल प्रवेश लेते हैं। इनकी संख्या लगभग हर विवि में 10 से 50 होती है। उनका कहना है कि जब से हिंसा शुरू हुई है वह अपने परिवारजनों के लिए काफी चिंतित है। क्योंकि उनसे फोन पर बात कभी हो जाती है कभी नहीं, इंटरनेट भी बंद है और लगातार हिंसा की खबरें हमारा डर बढा देती हैं।
पैसे का बजट खराब -
मणिपुर निवासी आईटीएम कॉलेज के प्रो.दीपक बताते हैं कि विद्यार्थियों के पास पैसे खत्म हो चुके हैं। उन्हें रोजमर्रा उपयोग में आने वाली चीजों के लिए परेशान होना पड़ रहा है क्योंकि पैसे घर से नहीं मंगा पा रहे हैं। इसके साथ ही वह हॉस्टल का किराया और सेमेस्टर फीस भी नहीं दे पा रहे है। ऐसे में उनके लिए शहर में रहकर सर्वाइव करना मुश्किल हो गया है। कई दिनों से विद्यार्थी अपने माता पिता से वीडियो कॉल नहीं कर पा रहे हैं।