देश के लिए शहीद होना ईश्वर का आशीर्वाद: कर्नल चहल
कारगिल शहीद सरवन सिंह खेल एवं शिक्षा प्रसार संस्था ने दी शहीद सरमन सिंह को श्रद्धांजलि
ग्वालियर, न.सं.। जंग के दौरान जो प्रसिद्धियां होती हैं उन्हें देश का आम नागरिक नहीं समझ सकता। जंग में शहीदी और जिंदगी के बीच बाल भर की दूरी होती है। जिस समय दुश्मन की गोलियां आपके पास से गुजर रही होती हैं और कौन सी सांस आखिरी सांस हो उन सभी प्रसिद्धियों के बीच सेना का जवान शेर का जिगरा लेकर जंग लड़ता है। दुश्मन का सामना करता है, तब एक सूरमे की पहचान मिलती है। यह बात कर्नल एम.एस. चहल ने नगर निगम एवं कारगिल शहीद सरमन सिंह खेल एवं शिक्षा प्रसार संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही।
वहीं पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि कारगिल शहीद सरमन सिंह ने ग्वालियर का मान बढ़ाया है।। ग्वालियर शहर को ऐसे वीर सपूतों पर गर्व है, जिनकी गाथाएं सदियों तक याद की जातीं रहेंगी। कार्यक्रम में समिति अध्यक्ष एवं पूर्व साडा अध्यक्ष राकेश जादौन ने कहा कि हमें अपने देश के लिए शहीद हुए सेना के जवानों को हर पल, हर छण याद करते रहना चाहिए। रक्षित निरीक्षक अरविंद दांगी ने कहा कि कारगिल युद्ध विपरीत परिस्तिथियों वाला युद्ध था।
दुश्मन चोटी के ऊपर और हमारे सैनिक चोटी के नीचे थे फिर भी हमारे सैनिकों ने अपने अदम्य साहस के साथ सुरक्षित मांद में बैठे दुश्मन को मारा और खदेड़ा। भारत माता की सीमाओं को सुरक्षित कर गए, इस युद्ध में ग्वालियर के अमर सपूत एवं पुलिस विभाग में कार्यरत उनके पिता उदयभान सिंह के जेष्ठ पुत्र हवलदार सरमन सिंह ने 28 जून 1999 को अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। पुलिस परिवार शहीद सरमन सिंह के श्री चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करता है।
इससे पहले अतिथियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर अमर शहीदों को नमन किया। अतिथियों ने शहीद सरमन सिंह की पत्नी श्रीमती सरोज कुमारी जी को पुष्प माला भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बजरंग सिंह राठौर, मनोज त्रिपाठी, रूप सिंह पाल, महेश गौड़, डॉ. मानवेंद्र सिंह राजावत, रामनिवास सिंह तोमर, राजकुमार सिंह परमार, पुरुषोत्तम सिंह कुशवाह, राजेंद्र बघेल आदि उपस्थित रहे। संचालन संस्था के सचिव विहवल सेंगर ने किया।