सभापति के बाद अब होगा एमआईसी का गठन, कल पांच लोगों के नामों की हो सकती घोषणा

शेष नामों के लिए संगठन से की जाएगी चर्चा

Update: 2022-08-07 07:37 GMT

ग्वालियर,न.सं.। सभापति उम्मीद्वार के रूप में मनोज तोमर की ताजपोशी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। अब महापौर शोभा सिकरवार को एमआईसी का गठन करना है। फिलहाल सोमवार को पांच लोगों के नामों की घोषणा एमआईसी के लिए की जा सकती है। शेष नामों की घोषणा संगठन से चर्चा के बाद एक माह के अंदर की जाएगी। ऐसे में तमाम पार्षद अपने राजनीतिक आकाओं की शरण में पहुंच गए हैं। जिससे संगठन के जरिए दबाव पडऩे से कम से कम एमआईसी में तो स्थान पक्का हो ही जाए।

एमआईसी का गठन पूरी तरह से महापौर के विवेक पर निर्भर करता है। ऐसे में उन दिग्गज पार्षदों के होश उड़े हुए हैं जो सभापति की दावेदारी कर रहे थे। जिसमें पार्षद उपासना यादव, गायत्री सुधीर मंडेलिया, सरोज हेवरन कंसाना के नाम प्रमुखता से शामिल थे। लेकिन जिस प्रकार से अंतिम समय में भाजपा ने कांग्रेस को झटका देते हुए अपना सभापति बनाया है उससे अब वह कांग्रेस पार्षद चिंतित है जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हरवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

राजनीतिक आका भी हुए सक्रिय

दिग्गज पार्षदों के आका भी पार्षदों की चिंता को भली भांति समझ रहे हैं। इसलिए अपने चहेतों को एमआईसी में सेट कराने के लिए दमखम लगाना शुरू कर दिया है। सूत्रों की माने तो संगठन ने इशारा भी कर दिया है कि एमआईसी छोटी नहीं बड़ी बनाई जाए। इसके चलते कम से कम 10 सदस्यीय एमआईसी बनाई जा सकती है। जिससे सभी को संतुष्ट किया जा सके।

कब तक होना है एमआईसी का गठन- 

सभापति निर्वाचन के 7 दिन के अंदर एमआईसी का गठन होना है।

प्रशासकीय अधिकार

1. एमआईसी- महापौर अपनी परिषद का गठन कर सकती है। यह एक तरह से महापौर का मंत्रिमंडल होता है। एमआईसी में निगम से संबंधित 10 विभाग होते हैं जिनके प्रभारी की नियुक्ति महापौर का अधिकार क्षेत्र है।

2. प्रशासकीय नियंत्रण- द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नती, निलंबन, बहाली आदि करना या अनुशंसा करने का अधिकार मेयर इन काउंसिल के पास होते हैं। अवकाश स्वीकृति और मस्टर कर्मियों की सेवा अवधि में बढ़ोतरी भी एमआईसी के अधिकार में है।

3. बजट प्रस्ताव- नगर नगम का बजट निगमायुक्त द्वारा तैयार कर महापौर को प्रस्तावित किया जाता है। महापौर व एमआईसी अपने स्तर पर प्रस्तावित बजट को लेकर निर्णय करते हैं और इसके बाद ही अंतिम मंजूरी के लिए सदन में इसे भेजा जाता है।

4. निजी कर्मचारी- निविदा, साक्षात्कार या अन्य किसी प्रक्रिया के बिना महापौर अपने लिए एक व्यक्ति को निजी कर्मचारी नियुक्त कर सकता है। उसे 15 हजार रुपए मासीक वेतन देने का अधिकार है।

इनका कहना है

एक्ट के मुताबिक अधिकतम 10 सदस्य एमआईसी में होते हैं इसलिए स्वाभाविक रूप से इतने मेंबर तो एमआईसी में रहेंगे ही। सोमवार को हम पांच सदस्यों के नामों की घोषणा करेंगे। शेष सदस्यों के नामों की घोषणा एक माह के अंदर संगठन से चर्चा कर की जाएगी।

डॉ शोभा सिकरवार

महापौर 

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