दूध का उत्पादन बढ़ा,फिर भी मिलावटखोर सक्रिय

दूसरे प्रदेशों में भेजे जा रहे हैं नकली दुग्ध उत्पाद

Update: 2020-07-18 00:45 GMT

ग्वालियर,न.सं.। कोराना काल में जहां एक और जनजीवन अस्त व्यस्त है और लोगों का काम धंधा भी ठप हो गया, लेकिन इस दौरान गर्मी के सीजन में भी अंचल में दूध की कमी नहीं हुई। पुलिस तथा प्रशासन जहां कोरोना से निपटने में लगा है वहीं इसका फायदा नकली दुग्ध उत्पाद बनाने वाले उठा रहे और नकली दूध पनीर जैसे उत्पाद बनाकर लोडिंग वाहनों से दूसरे प्रदेशों में भेज रहे हैं। वैसे गर्मी के दिनों में हरे चारे की कमी के कारण गाय भैंस जैसे दूध देने वाले पशु दूध कम देना शुरू कर देते हैं। सर्दियों के दिनों में जहां जिले में करीब 15 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है वहीं गर्मियों में दुग्ध का उत्पादन घटकर 10 लाख लीटर से भी कम हो जाता है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा रहने से बाजार में हलवाई आदि की दुकानें बंद होने से दूध की खपत कम हुई। वही गर्मियों में भी दूध की कमी नहीं आई और दुग्ध उत्पादन 15 लाख लीटर के आसपास ही रहा। इस बीच पुलिस तथा प्रशासन जहां कोरोना संक्रमण रोकने में व्यस्त रहा इसका फायदा मिलावट खोरों ने उठाया और दूध की कमी ना होने के बाद भी नकली पनीर तथा अन्य दुग्ध उत्पाद तैयार कर ट्रेनों की आवाजाही बंद होने के बाद भी लोडिंग वाहनों से चोरी छुपे दूसरे शहरों में भेज रहे हंै।

ट्रेनों से भी पहुंच रहा पनीर

स्पेशल ट्रेने शुरु होते ही नकली पनीर दूसरे शहरों में पहुंचाना शुरु कर दिया है। लेकिन अभी तक इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं गया है। उधर रात के समय ट्रेनों से पनीर दूसरे शहरों में पेटियों में रखकर पहुंचाया जा रहा है। यहां तक कि मिलावट रोकने के लिए तैनात किए गए खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी लगातार कोरोना नियंत्रण में लगे हुए हैं।

शहर में इन क्षेत्रों से आता मावा

जानकारों का कहना है कि शहर में सबसे ज्यादा मावा सैंया, आगरा मुरैना, भिंड के देहाती इलाकों से आता है। लेकिन लॉकडाउन के कारण अब इसकी खपत कम है। लेकिन लॉकडाउन से पहले नकली मावा शहर में आ रहा था। यहां बता दे कि रक्षाबंधन का त्यौहार आने पर एक बार फिर से शहर में नकली मावे की खपत बढ़ेगी।

इनका कहना है

वर्तमान में हम लोगों की यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए डय्टी लगाई गई है। अगर ट्रेनों से मावा या पनीर जा रहा है, तो हम पता करेंगे।

लोकेन्द्र सिंह, खाद्य एवं औषधि निरीक्षक

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