मुरार, शिवपुरी व भिंड लाइन की तरह घोसीपुरा व बहोड़ापुरा में हो गए कब्जे

रेलवे के क्वार्टर में अवैध लोगों ने किया कबजा, खुले में रखा पटरियों का सामान

Update: 2024-02-04 00:30 GMT

ग्वालियर।  स्टेशन से श्योपुर जाने वाले नैरोगेज रेल मार्ग पर लक्ष्मीबाई कालोनी, शिंदे की छावनी व घोसीपुरा और बहोड़ापुर क्षेत्र में कई स्थानों पर दोनों ओर कब्जे हो गए हैं। इससे पहले बंद हुई मुरार, शिवपुरी व भिंड लाइन की जमीन पर मकान व दुकानें बन गई हैं। खास बात यह है कि रेलवे के पास अपनी ही जमीन का कोई नक्शा व दस्तावेज नहीं है। रेलवे के सेवानिवृत्त रेलकर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि श्योपुर के लिए ब्रॉडगेज लाइन का काम शुरु होने के बाद नैरोगेज ट्रेन बंद हो गई है। जिसके चलते घोसीपुरा, बहोड़ापुर तक रेलवे की जमीन पर कब्जा होना शुरु हो गया है। इतना ही नहीं रेलवे के क्वार्टर में अवैध रूप से लोग रह रहे है। उधर रेलवे प्रशासन का कहना है कि जमीन से जुड़े दस्तावेज झांसी मंडल मुख्यालय में सुरक्षित हैं और उनके आधार पर ही कब्जेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अभी तक ऐसी कोई कार्रवाई शहर में नहीं की गई है। इतना ही नहीं घोसीपुरा स्टेशन के पीछे बने रेलवे क्वार्टरों में दोपहर के समय नशेड़ी स्मैक आकर पीते है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।

रियासतकाल में बने थे दो रेल मार्ग बंद, तीसरे पर कब्जा

छोटी रेल के शहर में अलग-अलग रेल मार्ग थे। दोनों रेल मार्ग बंद होने के बाद कुल 21 किमी का ट्रैक व जमीन कब्जे में चली गई थी। घोसीपुरा वाया मोतीझील होकर श्योपुर लाइन बंद होने के बाद अब लोगों ने कब्जा करने शुरु कर दिए है।

चक्के बंद होती बनने लगी दुकानें

स्टेशन से शिंदे की छावनी, रामदास घाटी, घोसीपुरा, मोतीझील होते हुए श्योपुर जाने वाली लाइन पर भी रहवासी कब्जे के लिए आगे बढ़ गए हैं। जब ट्रेन का संचालन होता था तब ट्रैक और दोनों तरफ 8-8 फीट की जगह खाली रखी जाती थी, लेकिन ट्रेनों के पहिए थमने के बाद ट्रैक के रास्ते में कई स्थानों पर 4-6 फीट तक कब्जे कर लिए गए हैं।

600 किमी टै्रक पर होता था संचालन

रियासत काल में ग्वालियर-भिंड, ग्वालियर-शिवपुरी व ग्वालियर-श्योपुर कुल लगभग 600 किलोमीटर ट्रैक पर ट्रेन का संचालन होता था। वर्तमान में लोगों ने रेलवे पटरी पर ही कब्जा करके कचरा डालकर एक ट्रेक को बंद कर दिया है। वहीं दूसरे ट्रेक पर लोगों ने अपने वाहनों को खड़ा कर दिया है।

रियासत काल में लोगों का सिटी ट्रांसपोर्ट था रेल

जानकार बताते है कि रियासत काल में सिटी ट्रांसपोर्ट छोटी रेल से होता था। स्टेशन से निकलने वाली ट्रेन सीधी रेल लाइन के जरिए जयविलास पैलेस में जाती थी। इस रेल का रूट स्टेशन से तानसेन रोड होते हुए कृषि कॉलेज और मेला के सामने से गोला का मंदिर, मुरार माल रोड से नए एजी आफिस के सामने से हरी दर्शन स्कूल कंपू कोठी और गल्ला कोठार से लक्ष्मीगंज होते हुए घोसीपुरा तक जाती थी। जीवाजीगंज, लक्ष्मीगंज सब्जी मंडी के सामने से ट्रेन शिवपुरी की ओर जाती थी। घोसीपुरा से ही मोतीझील और फिर जौरा-श्योपुर तक ट्रेन जाती थी।

इनका कहना है

रेलवे द्वारा लगातार अभियान चलया जाता है। अगर फिर भी कोई रेलवे की जमीन या क्वार्टर में अवैध रूप से रह रहा है तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

मनोज कुमार सिंह

जनसंपर्क अधिकारी

झांसी

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