मातृत्व अवकाश प्राप्त महिला कर्मचारी विभागीय कार्य से मुक्त
लेकिन चुनाव कार्य में देना पड़ेगी ड्यूटी
ग्वालियर। राज्य सरकार शासकीय महिला सेवकों को चाइल्ड केयर लीव (संतान पालन अवकाश) का लाभ दे रही है। सरकार की इस योजना का लाभ कई महिला कर्मचारी उठाकर अपने बच्चों की देखभाल कर रही हैं। इस लाभ के अंतर्गत महिला कर्मचारी तीन माह से एक वर्ष तक की लगातार छुट्टी लेकर अपने बच्चों की देखभाल कर सकती हैं । इन महिलाओं के लिए अब खुशखबरी यह है कि इन सभी को आचार संहिता के चलते चाइल्ड केयर लीव के अंतर्गत विभागीय कार्य से मुक्त रखा गया है। मतलब यह कि इन महिला कर्मचारियों को अपने विभाग में ड्यूटी पर नहीं आना होगा, लेकिन चुनाव कार्य में यदि ऐसी किसी महिला कर्मचारी की ड्यूटी लगी है तो उसे वह कार्य करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत जिलाधीश अशोक वर्मा ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि जो सरकारी कर्मचारी अवकाश पर हैं, वे तुरंत अवकाश से वापस आकर विभाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। कोई भी कर्मचारी किसी भी स्थिति में मुख्यालय को छोड़कर बाहर नहीं जा सकेगा। जिलाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि अगर किसी को आवश्यक रूप से अवकाश चाहिए तो वह अपने निकटतम वरिष्ठ अधिकारियों एवं प्रशासन को अवकाश लेने संबंधी कारणों से अवगत कराएगा। इसके उपरांत अवकाश देने पर विचार किया जाएगा। जिलाधीश के इस आदेश से चाइल्ड केयर लीव लेने वाली महिला कर्मचारियों को चिंता सताने लगी थी कि उनका भी अवकाश निरस्त हो जाएगा। और वह अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर सकेंगी, लेकिन इन महिला कर्मचारियों को अब घबराने की कतई जरूरत नहीं है। प्रशासन ने चाइल्ड केयर लीव को मानवता के दायरे में रखा है। अब यह सरकारी महिला कर्मचारी आगामी आदेश तक चाइल्ड केयर लीव पर रह सकती हैं, लेकिन मातृत्व अवकाश प्राप्त जिन महिला कर्मचारियों की चुनाव संबंधी कार्य में ड्यूटी लगी है तो उनको चुनाव संबंधी कार्य करना पड़ेगा।
इनका कहना है:-
'चाइल्ड केयर लीव मानवता के दायरे में आता है। अत: महिला कर्मचारी आगामी आदेश तक छुट्टी पर रह सकती हैं।'
अशोक कुमार वर्मा, जिलाधीश