नगर सरकार की बजी डुगडुगी: कोई अपने तो कोई पत्नी के लिए ढूंढ रहा सीट

Update: 2022-06-02 07:48 GMT

ग्वालियर।  राज्य चुनाव आयोग द्वारा नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा करने के साथ ही नगर निगम ग्वालियर में महापौर एवं पार्षद पद के दावेदारों की न सिर्फ धडक़नें बढ़ गई हैं बल्कि वे सक्रिय होकर टिकट के प्रयास में जुट गए हैं। इसके लिए वे स्वयं अथवा पत्नी के लिए भी प्रयास कर रहे हैं। प्रमुख राजनीतिक दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भाजपा की जहां भोपाल में प्रदेश कार्यसमिति में रणनीति बनाई जा रही है वहीं बुधवार को जिला कांग्रेस प्रबंधन समिति की बैठक की गई।

उल्लेखनीय है कि ग्वालियर नगर निगम लगभग दो साल से भंग है ऐसे में सारी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी नौकरशाहों पर है। जिससे आम जनता संतुष्ट नहीं है इसलिए महापौर और पार्षदों की चुनाव की मांग की जा रही थी बुधवार को चुनाव आयोग द्वारा इसकी घोषणा कर दी गई। ग्वालियर में महापौर का पद अनारक्षित महिला के लिए है वही 66 वार्डों के लिए पहले ही आरक्षण की पर्चियां डाली जा चुकी हैं। इसी हिसाब से दावेदार अपनी-अपनी गोटियां फिट कर टिकट मांग रहे हैं।

महापौर के यह हैं दावेदार

भाजपा पूर्व मंत्री एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य माया सिंह का नाम सबसे ऊपर है। एमआईसी सदस्य एवं पूर्व खेल प्रभारी हेमलता रामेश्वर भदोरिया भी काफी सक्रिय हैं। पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता भी टिकट की दौड़ में है लेकिन पार्टी से बगावत और पिछड़ा वर्ग की होने से दिक्कतें हैं। इसके अलावा खुशबू गुप्ता, सुमन शर्मा, नीलिमा शिंदे, अपर्णा पाटील, शकुंतला परिहार, अंजली रायजादा, मीना सचान सहित कई नाम है। वहीं कांग्रेस में तेजतर्रार नेत्री रश्मि पवार शर्मा, रीमा देवेंद्र शर्मा, शोभा सतीश सिंह सिकरवार को दावेदार माना जा रहा है।

कांग्रेस में कर्मठ कार्यकर्ता को टिकट देने की उठी मांग 

शहर जिला कांग्रेस प्रबंध कार्यसमिति की बैठक बुधवार को कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित की गई जिसमें युवक कांग्रेस के अध्यक्ष हेवरन सिंह कंसाना ने मांग रखी कि कांग्रेस के कर्मठ एवं कम से कम 5 साल से कार्य कर रहे कार्यकर्ता को ही पार्षद का टिकट मिलना चाहिए, जो अभी नए नए कांग्रेसी बने हैं उन्हें टिकट दिया तो पुराने कार्यकर्ताओं में रोष फैलेगा। 

सिंधिया से जुड़े आज भी मौजूद 

महामंत्री पिंकी पंडित ने आरोप लगाया कि सिंधिया से जुड़े कुछ नेता आज भी इस कक्ष में मौजूद हैं जो पल-पल की खबरें उन तक पहुंचाते हैं। ऐसे गद्दारों को कतई टिकट नहीं मिलना चाहिए। वार्ड के व्यक्ति को ही उस वार्ड से टिकट दिया जाए। 

आनंद शर्मा नहीं लड़ेंगे 

तीन बार के पार्षद वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने घोषणा की कि नौजवानों को टिकट मिलना चाहिए इसीलिए मौजूदा चुनाव में वह नहीं चुनाव मैदान में उतरेंगे।

वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी

बैठक में शहर अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा, विधायक सतीश सिंह सिकरवार, प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष अमर सिंह माहौर, चतुर्भुज धनौलिया आदि मौजूद रहे। जबकि वरिष्ठ नेता बालेंदु शुक्ल, भगवान सिंह यादव, चंद्रमोहन नागौरी, रामसेवक बाबूजी आदि को नहीं बुलाया गया।

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