ग्वालियर, न.सं.। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 25 जुलाई शनिवार उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और शिव योग में नाग पंचमी मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि पंचमी तिथि 24 जुलाई दोपहर 2.33 से प्रारंभ होकर 25 जुलाई दोपहर 12.01 बजे तक रहेगी। पूजा मुहूर्त सुबह 05.43 से 8.25 बजे तक होगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में योगों के साथ-साथ दोषों को भी देखा जाता है। कुंडली के दोषों में कालसर्प दोष एक बहुत ही महत्वपूर्ण दोष होता है। काल सर्प दोष भी कई प्रकार का होता है। इस दोष से मुक्ति के लिए भी नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने के साथ-साथ दान दक्षिणा का महत्व भी है। जन्मकुन्डली में कालसर्प दोष व जिनकी कुंडली में राहु अच्छी स्थिति में नही है, के निवारण हेतु यह श्रेष्ठ दिन है। नाग पंचमी के दिन नागदेव के दर्शन अवश्य करना चाहिए। नागदेव की निवास स्थली, बांबी की पूजा की जाती है। चूँकि नागदेव को सुगंध प्रिय है, अत: नागदेव की सुगंधित पुष्प व चंदन से पूजा करें।
मंदिर जाने से बचें:-
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कोरोना काल के चलते मंदिर में जाने से बचे और नागपंचमी की पूजा घर मे ही करें, नाग पूजा के लिए नागदेव की तस्वीर या फिर मिट्टी या धातू से बनी प्रतिमा की पूजा करे। दूध, धान, खील और दूब चढ़ावे के रूप मे अर्पित करें। यदि संभव हो तो सपेरों से किसी नाग को खरीदकर उन्हें मुक्त भी कराया जाता है। जिससे राहु के प्रकोप में कमी आती है। और जन्मपत्रिका में बन रहे राहु के दोषों से मुक्ति मिलती है।