मप्र : बीजेपी के संकटमोचक के हाथ में सिंधिया के गढ़ की कमान

-सिंधिया के गढ़ में नरोत्तम मिश्रा ने 3 घंटे में क्या किया कमाल

Update: 2020-06-07 09:15 GMT

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में प्रस्तावित 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों के लिए लॉकडाउन के बीच राजनीति अनलॉक हो गई है। बयानबाजी के बाद अब मैदानी जंग की तैयारी होने लगी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा ज्वॉइन करने के बाद और 24 में से 16 सीटें ग्वालियर चंबल से होने के कारण सरकार और विपक्ष दोनों की निगाहें इसी अंचल पर टिकी हैं। लेकिन सिंधिया के गढ़ में हमेशा सिंधिया को घेरने वालों को अब उनके साथ काम करने के लिए तैयार करना बड़ी चुनौती है। बीजेपी ने इसकी जिम्मेदारी अपने संकटमोचक यानी नरोत्तम मिश्रा को सौंपी है। मिश्रा ग्वालियर दौरे पर वहां के दिग्गज नेताओं से वन टू वन बात करेंगे।

ग्वालियर चंबल अंचल को जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ कहा जाता है, वहीं ये भारतीय जनता पार्टी को गढ़ने वाली राजमाता विजया राजे सिंधिया यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी की कर्मभूमि भी है। बीजेपी इसी अंचल से फली फूली और पूरे विश्व तक पहुंची। कहने का मतलब ये है कि प्रदेश से लेकर देश तक की राजनीति कहीं ना कहीं ग्वालियर से प्रभावित होती ही है। चाहें सत्ता के केंद्र में बीजेपी हो या कांग्रेस, ग्वालियर उसका बड़ा केंद्र रहता है। इस बार भी जब कांग्रेस की सरकार प्रदेश से विदा हुई तो उसमें भी ग्वालियर चंबल ने बड़ी भूमिका निभाई।

कांग्रेस छोड़कर 22 विधायकों के लाव लश्कर के साथ 'महाराज' गए तो उसमें से 16 ग्वालियर चंबल के ही थे। अब इन सबके भाजपा में शामिल हो जाने के बाद भाजपा के पुराने और स्थापित नेताओं में बेचैनी है। उन्हें अपने राजनैतिक भविष्य पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है, उनके नाराज और रूठने की खबरें सरकार और संगठन तक पहुंच रही हैं । उपचुनाव से पहले बीजेपी, पार्टी के पुराने नेताओं को भरोसे में लेना चाहती है, जिससे चुनावों में उनका बेहतर उपयोग कर सकें और उनके अनुभव का लाभ लेकर उपचुनाव में अधिक सीटें जीतकर सरकार में बने रहें।

पार्टी ने इसकी जिम्मेदारी गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को सौंपी है। वे रविवार देर शाम ग्वालियर पहुंचेंगे। सरकार के लिए हमेशा संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा अपने सौम्य व्यवहार के कारण अपनी बात सामने वाले तक अच्छे से पहुंचाने में सक्षम हैं, इसलिए संगठन विषम परिस्थितियों में इनको ही डैमेज कंट्रोल का जिम्मा सौंपती है। ग्वालियर में वे पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अनूप मिश्रा से मुलाकात करेंगे। यहां आधा घंटे चर्चा करने के बाद 7:45 बजे वे पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह के घर पहुंचकर उनसे चर्चा करेंगे। यहां आधा घंटे चर्चा के बाद मिश्रा 8:15 बजे पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया से उनके निवास पर चर्चा करेंगे। यहां भी आधे घंटे चर्चा करने के बाद वे पूर्व मंत्री माया सिंह के निवास पर उनसे चर्चा करेंगे। आधा घंटा माया सिंह से चर्चा करने के बाद मंत्री मिश्रा 9:15 बजे संघ कार्यालय पहुंचेंगे उसके बाद 9: 45 बजे अपने बड़े भाई आनंद मिश्रा के सरकारी आवास पर पहुंचेंगे। यहां कुछ देर विश्राम करने के बाद रात 11:30 बजे सड़क मार्ग से ही भोपाल के लिए रवाना हो जाएंगे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद ये पहला मौका है कि भाजपा सरकार का कोई मंत्री ग्वालियर दौरे पर आ रहा है। खास बात ये है उनकी मुलाकात अपनी पार्टी के दिग्गज नेताओं से होगी, लेकिन सिंधिया समर्थक भाजपा नेताओं से मुलाकात का कोई अधिकृत कार्यक्रम उनके दौरे में शामिल नहीं हैं। इसे लेकर राजनैतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। अब देखना ये है कि नरोत्तम मिश्रा उन दिग्गजों को कैसे मनाएंगे जो हमेशा से महल, सिंधिया और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ते आए हैं।

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