ब्रॉडगेज लाइन के लिए तीन माह बाद बंद हो सकती है नैरोगेज ट्रेन!

एक लाख की आबादी पर होगा असर, ग्वालियर से सबलगढ़ के बीच बिछी पटरियों को हटाएगा रेलवे

Update: 2020-08-06 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। सिंधिया रियासत काल की छोटी रेल लाइन के स्थान पर अब ग्वालियर से श्योपुर के बीच 187.53 किलोमीटर की लंबाई में बड़ी लाइन का ट्रैक बिछाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बानमोर गांव से सबलगढ़ के बीच ट्रैक बिछाने के लिए अब रेलवे नैरोगेज की पटरियों को हटाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए रेलवे ने टेंडर प्रक्रिया शुुरू कर दी है। अगर सब कुछ ठीक रहा आगामी तीन माह बाद पटरियेां को हटाना शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही ग्वालियर से सबलगढ़ के बीच चलने वाली नैरोगेज ट्रेन को हमेशा के लिए बंद किया जा सकता है। इस ट्रेन के बंद होने से एक लाख की आबादी पर असर पड़ेगा।

वर्तमान में लॉकडाउन के कारण ग्वालियर से सबलगढ़ व श्योपुर के बीच चलने वाली नैरोगेज ट्रेनों को बंद कर रखा है। बड़ी लाइन रेल सेवा शुरू होने के बाद ग्वालियर के बिरलानगर से श्योपुरकलां तक 187 कि.मी. की यात्रा 12 घंटे की बजाय चार-पांच घंटे में पूरी होगी। वर्ष 2023 तक की समय-सीमा वाला रेलवे का ग्वालियर-श्योपुर ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट एक साल और लेट हो सकता है। मुरैना और श्योपर जिला प्रशासन के अधिकारी जल्द भू-अधिग्रहण करने की योजना बना रहे हैं।

चार साल में बिछ जाएगा रेलवे ट्रैक

अधिकारियों का दावा है कि चार साल में 2912.96 करोड़ रुपए की लागत से ग्वालियर से श्योपुर के बीच 187 कि.मी. लंबा ब्रॉडगेज ट्रैक बिछा दिया जाएगा। गेज परिवर्तन का यह काम ग्वालियर के बिरलानगर स्टेशन से श्योपुर के बीच किया जाना प्रस्तावित है। यह काम तीन चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में ग्वालियर से जौरा, दूसरे चरण में जौरा से सबलगढ़ व तीसरे चरण में सबलगढ़ से श्योपुर के बीच काम होगा।

इस मार्ग पर कुल 24 स्टेशन होंगे

बिरलानगर, रायरू, बामौर गांव, अंबिकेश्वर, सुमावली, जौरालापुर, भट्टपुरा, कैलारस, सेमई, पीपलवाड़ी चौकी, सबलगढ़, रामपहाड़ी, विजयपुर रोड, कैमाराकला, वीरपुर, सिल्लीपुर, इकडौरी, टर्राकलां, सिरोनी रोड, खोजीपुरा, दुर्गापुरी, गिरधरपुर और श्योपुर स्टेशन शामिल हैं।

चार बड़े पुल व 70 से अधिक पुलिया बनेंगी

ब्रॉडगेज के लिए रेलवे बानमोर से सुमावली के बीच घोड़ा पछाड़ नदी पर, जौरा से कैलारस के बीच सोन नदी पर, कैलारस से सबलगढ़ के बीच क्वारी नदी व वीरपुर से श्योपुर के बीच सीप नदी पर चार बड़े पुलों का निर्माण कराएगी। इसके अलावा 70 से अधिक छोटी पुलियों का निर्माण भी नए सिरे से कराया जाएगा।

सबसे संकरी रेलवे लाइन

यह विश्व में नैरोगेज की सबसे लंबी और संकरी रेलवे लाइन है। 610 मिमी (लगभग दो फीट) चौड़ी यह लाइन लगभग 200 किमी तक बिछाई गई है। रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 1942 में इसे सिंधिया स्टेट के अंतर्गत संचालित किया जाता था। वर्ष 1951 में ग्वालियर स्टेशन मध्य रेलवे के अंतर्गत चला गया। ग्वालियर के अलावा सिर्फ कालका-शिमला, दार्जिलिंग और पठानकोट से जोगेन्दर नगर के लिए नैरोगेज ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।

तीसरी लाइन के लिए अभी टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। टेंडर होने के बाद पटरियों को डिस्मेंटल किया जाएगा। समय पर परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, झांसी रेलवे मंडल

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