ग्वालियर में उपसभापति से अपर आयुक्त ने अभद्रता से की बात, समर्थन में विपक्ष ने किया बैठक का बहिष्कार
विपक्ष के पार्षदों ने कहा निगमायुक्त चर्चा से भाग रहे है, अधिकारियों की दादागिरी नहीं चलेेगी
ग्वालियर। सोमवार को नगर निगम परिषद की अभियाचित बैठक में निगमायुक्त के नहीं पहुंचने पर विपक्ष के पार्षदों ने हंंगामा कर नारेबाजी कर डाली। वहीं उपसभापति गिर्राज कंसाना से अपर आयुुक्त विजय राज ने कर्मचारियों को लेकर अभद्रता करने पर धरना देेना शुुरु कर दिया। हालत यह बने कि उपसभापति के समर्थन में विपक्ष के पार्षदों ने धरना देेना शुुरु कर दिया। सभापति के समझाने के बाद भी विपक्ष के पार्षद धरने से नहीं उठे। जिसके चलते बैठक चार बार स्थगित करना पड़़ी। बाद में उपसभापति के समर्थन में नेता प्रतिपक्ष हरीपाल सहित विपक्षी पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। जिसके बाद सभापति ने बैठक को 13 फरवरी दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 3 बजे शुरु होने वाली बैठक में सदस्यों की संंख्या कम होने पर बैठक को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
बाद में बिंदु क्रमांक 10 पर जैसे ही चर्चा शुरु होती उससे पहले ही विपक्षी पार्षदों ने कहा कि जब निगमायुक्त ही नहीं है तो चर्च करने से क्रूा मतलब। जिस पर सभपति ने कहा कि उनके पास व सचिव के पास सूचान आ गई थी। पार्षद बृजेश श्रीवास ने कहा कि सिर्फ सूचना ही आती है, निगमायुक्त क्यों नहीं आ रहे है।
सभापति मनोज सिंह तोमर ने पार्षदों से कहा कि वह एजेंडा के मुद्दे पर चर्चा करे। तभी पार्षद देवेंद्र राठौर ने कहा कि उपायुक्त अमरसत्य गुप्ता के खिलाफ उन्होंने अपर आयुक्त के पास अपील की थी। अपर आयुक्त ने इस अपील को वापस अमरसत्य गुप्ता को ही भेज दिया और उन्होंने अपने खिलाफ की गई शिकायत को निराकृत कर दिया। निगम में ऐसी मनमानी चल रही है।
उपसभापति भडक़े, बोले किससे पूछकर हआया डब्ल्यूएचओं को
उपसभापति उस समय भडक़ गए जब उन्होंने बताया कि उनके वार्ड में 62 कर्मचारी है, उसमें से भी आधे आते है और हाजिरी लगाकर चले जाते है। उन्होंने सभापति से कहा कि इस मामले में उन्होंने पहले उपायुक्त अमर सत्य गुप्ता कर्मचारियों को हटाने की बात कही थी, लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर उन्होंने कर्मचारियों को नहीं हटाया। बाद में उनके ही वार्ड के डब्ल्यूएचओ को उनसे बिना पूूछे हटा दिया गया। इस मामले में जब अपर आयुुक्त विजय राज से बात की तो उन्होंने मुझसे अभ्रदता से बात की और कहा कि वह वे अपने हिसाब से देखे लेंगे। पार्षद कंसाना ने कहा कि जब तक अपर आयुक्त पर कार्रवाई नहीं होगी वह धरने पर बैठे रहेंगे। बाद में वह बैठक का बहिष्कार कर बाहर जा निकले।
धरने पर बैठे पार्षद, सभापति बोले आप चर्चा करें
विपक्ष के पार्षदा ने निगम अधिकारियों के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोल दिया। विपक्षी पार्षद धरने पर बैठ गए। तो सभापति ने कहा कि आप लोग ही अभियाचित बैठक लेकर आए है और आप ही चर्चा से भाग रहे है। तो जबाव में पार्षद बृजेश श्रीवास ने कहा कि निगमायुुक्त चर्चा से भाग रहे है। लेेकिन पार्षदों ने सभापति की भी नहीं सुनी। बाद में सभापति ने नेेता प्रतिपक्ष से कहा कि वे सभी पार्षदों को बैठाए।
उपसभापति बोले मेरे वार्ड में घुसकर दिखा दे
उपसभापति व पार्षद गिर्राजज कंसाना ने सभापति मनोज तोमर से कहा कि वह एक दिन के लिए उन्हें निष्काषित कर दे। डेढ़ साल से कर्मचारियों को बलने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। आप पुलिस बुलवाकर मुझे बाहर कर दो, मैं अपना त्याग पत्र दे रहा हूं, मैं भी अपने बाप का नहीं अगर कोई वार्ड में घुसकर बता दे।
नेता प्रतिपक्ष बोले मुख्यमंत्री आएंगे तो हम धरना देंगे
नेेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने कहा कि पार्षदों की शालीनता को उनकी कायरता न समझा जाएं। उन्होंने कहा कि निगम के अधिकारी टोन में बात क्यों करते है, पार्षद अपने घर के नहीं जनता के काम करवाते है। उन्होंने सभापति से कहा कि अधिकारी यह नहीं भूले सराककर उनकी है जब भी मुख्यमंत्री आएंगे तो धरना देकर हम अधिकारियों को सस्पेंड करवा देंगे।
विपक्ष के पांच पार्षद अंदर ही बैठे रहे
नेताप्रतिपक्ष सभी पार्षदों के साथ बैठक का बहिष्कार कर बाहर चले गए, लेेकिन विपक्ष के पांच पार्षद अंदर बैठक में बैठे रहे। जिसमें जितेन्द्र मुदगल, रवि तोमर, नागेन्द्र राणा, विवेक त्रिपाठी, भगवान कुशवाह शामिल थे। कुछ पार्षद उन्हें बुलाने के लिए अंदर भी आए।
निगमायुक्त को ज्ञापन देने पहुंचे, नहीं मिले
सभी पार्षद मिलकर अपर आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग का ज्ञापन देने के लिए निगम मुख्यालय पहुंचे, लेकिन निगमायुक्त हर्ष सिंह मौजूद नहीं थे। इसी बीच अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव भी पार्षदों को देख वहां से निकल गए।
अभियाचित बैठक को बनाया मजाक
एक महीने से अधिक समय होने के बाद भी अभियाचित बैठक के सभी बिंदुओं पर चर्चा नहीं हो पाई है। बैठक में पार्षदों द्वारा अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर विपक्षी पार्षद हंगामा कर बैठक को स्थगित कराने के प्रयास करते है। ऐसे में अधिकत्तर पार्षद जो चर्चा करना चाहते भी है वह चाहकर कर कुछ नहीं कर पाते।
झलकियां
-उपसभापति गिर्राज कंसाना ने बैठक में यहां तक कह दिया कि ये तो परिषद है बाहर आए आपर आयुक्त फिर बताते है।
-परिषद की बैठक में पार्षदों द्वारा अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया गया, लेकिन उन्हें किसी ने नहीं रोका।
-जिन पार्षदों के काम नहीं हो रहे वह अधिकारियों पर दबाव बनाकर बैठक में हंगामा करते नजर आए।