सभी को इस जमाने में सभी चीजें नहीं मिलतीं
चेम्बर का रंगमहल गार्डन में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
ग्वालियर, न.सं.। मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स का मंगलवार की सर्द रातों में रंगमहल गार्डन में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस मौके पर रविन्द्र रवि ग्वालियर, शम्भू शिखर नई दिल्ली, सुदीप भोला जबलपुर, डॉ. रूचि चतुर्वेदी आगरा, रमेश मुस्कान आगरा, सर्वेश अस्थाना लखनऊ ने एक से बढक़र एक कविताओं को मंच से पढ़ा और श्रोताओं की वाह-वाही लूटी। रात जैसे-जैसे सर्द होती गई कार्यक्रम वैसे-वैसे सुंदर होता गया। कवियों की कविताएं सुनने के लिए श्रोता रात तक डटे रहे।
कवियों ने पढ़ी कविताएं:-
‘सभी को इस जमाने में सभी चीजें नहीं मिलतीं, किसी बाजार में अनमोल तहजीबें नहीं मिलतीं, जहां की हर अदालत से बड़ी कोई अदालत है, वहां बस फैसले होते हैं तारीखें नहीं मिलतीं।’
रवीन्द्र रवि
ग्वालियर
‘पोशाक पुरानी लिए अभिनव हूं मनाओ, नफरत में भी मैं प्यार का कलरव हूं मनाओ, रोने के लिए और भी महफिल है जहां में, शम्भू शिखर मैं हास्य का उत्सव हूँ मनाओ। ’
शम्भू शिखर
नई दिल्ली
‘ये मत सोचो ज्ञान बांटते फिरते हैं, खुशियों का सामान बांटते फिरते हैं, ये दौलत बांटे जाने से बढ़ती है, इसीलिए मुस्कान बांटते फिरते हैं। ’
सुदीप भोला
जबलपुर
‘प्रेम तुलसी के दल सी सजी राधिका, हर निधिवन बसी कृष्ण की पांखुरी, एक उंगली पे गिरिराज को धर लिया, दस की दस उंगलियों से बजी बांसुरी। ’
डॉ. रूचि चतुर्वेदी
आगरा
‘कर पाओ तो यूं करो जीवन का सम्मान, आंखों में सपने रखो अधरों पर मुस्कान।’
रमेश मुस्कान
आगरा
‘रिश्तों में तकरार बहुत है, लेकिन इनमें प्यार बहुत है, सारी दुनिया खुश रखने को, बस अपना परिवार बहुत है।’
डॉ. सर्वेश अस्थाना
लखनऊ