कोरोना ने मौतों का भी लगाया शतक, संक्रमित शव लेकर भटकते रहे परिजन

Update: 2020-09-07 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना वायरस ने मौतों का भी शतक जड़ दिया है। रविवार को भी जिले में कोरोना संक्रमण से चार की मौत हुई है। इसमें दो संक्रमित दिल्ली में भर्ती थे। जबकि एक निजी व एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती था। उधर निजी लैब संचालक भी कोरोना संक्रमितों के साथ जमकर खिलवाड़ कर रहे हैं, जिस कारण संक्रमित के शव को परिजन लेकर भटकते रहे।

लक्ष्मीबाई कॉलोनी निवासी 72 वर्षीय रमाशंकर कुलश्रेष्ठ की 31 अगस्त को रिपोर्ट संक्रमित आई थी। इस पर परिजन उन्हें दिल्ली लेकर पहुंचे थे, जहां उनकी मृत्यु हो गई। इसी तरह सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थ 55 वर्षीय कैशियर ऊषा चकोटिया को भी पिछले दिनों संक्रमण होने की पुष्टि के बाद दिल्ली में भर्ती कराया गया। जहां उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता रहा और उनकी मौत हो गई। इधर जयारोग्य चिकित्सालय के सुपर स्पेशलिटी में भर्ती गोले का मंदिर निवासी 30 वर्षीय पूजा सेंगर की भी मौत हुई है। इसी तरह रणधीर कॉलोनी निवासी 69 वर्षीय बुजुर्ग की भी अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गई। बुजुर्ग का स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते परिजन उन्हें शिन्दे की छावनी स्थित डॉ. थरेजा के यहां 4 सितम्बर को लेकर पहुंचे थे। जहां डॉ. थरेजा ने उपचार देकर घर पहुंचा दिया और कोरोना की जांच कराई। इसके बाद परिजन दुबारा 5 सितम्बर की शाम डॉ. थरेजा के यहां लेकर पहुंचे और भर्ती कराया। इसी बीच रविवार को परिजनों को निजी लैब से रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें उन्हें संक्रमित बताया गया। रिपोर्ट आने के बाद डॉ. थरेजा ने मरीज को सुपर स्पेशलिटी के लिए रैफर कर दिया। इसके बाद परिजन शाम करीब 7.30 बजे मरीज को सुपर स्पेशलिटी लेकर पहुंचे। लेकिन मरीज ने रास्त में ही दम तोड़ दिया था। चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि मरीज की मौत निजी अस्पताल में ही हुई है, इसलिए वहीं शव लेकर जाएं। इसको लेकर परिजन रात 9.30 बजे तक शव लेकर सुपर स्पेशलिटी के बाहर खड़े रहे, जिसके बाद शव को शव विच्छेदन गृह में रखवाया गया। इन मरीजों की मौत के बाद जिले में कोरोना संक्रमण की संख्या 100 पहुंच गई है।

एक दिन देरी से दी सूचना

इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि मरीज की रिपोर्ट 5 सितम्बर की शाम करीब 6 बजे आ गई थी। लेकिन लैब द्वारा रिपोर्ट उपलब्ध ही नहीं कराया गया। अगर मरीज की रिपोर्ट समय पर मिलती तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

अस्पताल पहुंचते ही हुई मौत

इधर जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे एक वृद्ध की भी मौत हो गई। जिसे भी कोरोना संक्रमण बताया जा रहा है। लेकिन रिपोर्ट सामने नहीं आई है। जिला अस्पताल के चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसारी बहोड़ापुर निवासी 73 वर्षीय मुस्ताक खान पिछले तीन दिनों से होम आईसोलेट थे। कोरोना के कारण मरीज के फेंफेडों में पूरी तरह इंफेक्शन हो गया था। इसलिए उसकी मौत हुई है। वहीं बताया जा रहा है कि परिजन मरीज को सुपर स्पेशलिटी लेकर पहुंचे थे, जहां भर्ती करने से मना कर दिया गया था।

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